Punjab Politics: राज्यपाल की सीएम मान को चेतावनी; कहा- अगर अभद्र भाषा का प्रयोग किया तो करूंगा कानूनी कार्रवाई
मंगलवार को मुख्यमंत्री ने विधानसभा में ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) व संशोधन बिलों पर चर्चा के दौरान राज्यपाल के प्रति कई ऐसे शब्द बोले जिन पर आज उन्हों ...और पढ़ें

चंडीगढ़, इन्द्रप्रीत सिंह। पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच चल रहा शाब्दिक वार अब और कड़वे दौर में पहुंच गया है। राज्यपाल ने बुधवार को मुख्यमंत्री को धमकी भरे लहजे में कहा कि अगर उन्होंने विधानसभा के बाहर कहीं भी उनके प्रति भद्दी शब्दावली का प्रयोग किया तो वह कानूनी कार्रवाई के लिए बाध्य होंगे।
उन्होंने कहा कि विधानसभा में मुख्यमंत्री ने अपने पद की गरिमा को नीचे गिराते हुए मेरा बहुत मजाक उड़ाया। वहां तो उन्हें कानूनी संरक्षण हासिल है, लेकिन अगर उन्होंने इसी प्रकार के शब्द कहीं और बोले तो मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा।
सीएम के शब्दों पर जताया कड़ा विरोध
मंगलवार को मुख्यमंत्री ने विधानसभा में ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) व संशोधन बिलों पर चर्चा के दौरान राज्यपाल के प्रति कई ऐसे शब्द बोले जिन पर आज उन्होंने कड़ा विरोध जताया। राजभवन में बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राज्यपाल ने कहा कि मेरे पत्रों को वह लव लेटर बता रहे हैं।
क्या किसी राज्यपाल के साथ मुख्यमंत्री का यह उचित व्यवहार है। कहा कि संविधान ने उन्हें राज्यपाल के पद पर बैठाया है और वह (सीएम) चाहकर भी उन्हें उतार नहीं सकते।
सीएम मान को अपने पद की गरिमा का ख्याल नहीं
जिस प्रकार की अमर्यादित भाषा का प्रयोग मुख्यमंत्री कर रहे हैं वह वैसा नहीं कर सकते, क्योंकि उन्हें राज्यपाल के पद की गरिमा का ख्याल है, लेकिन मुख्यमंत्री को अपने पद की गरिमा का कोई ख्याल नहीं है। मान ने कहा था कि राज्यपाल उनके हेलीकॉप्टर का प्रयोग करते हैं और उन्हें ही गालियां देते हैं।
इस पर राज्यपाल ने कहा कि जब तक वह पंजाब के राज्यपाल रहेंगे सरकार के हेलीकॉप्टर का प्रयोग नहीं करेंगे। वैसे भी उन्होंने हेलीकाप्टर का प्रयोग सीमावर्ती क्षेत्रों के दौरे के लिए किया था। मान ने कहा था कि पंजाब के राज्यपाल होते हुए भी पुरोहित पंजाब यूनिवर्सिटी के मामले में हरियाणा के पक्ष में बोलते हैं।
मुख्यमंत्री मेरी बात को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं
इस पर राज्यपाल ने कहा कि पंजाब ने पिछले पांच साल में अपने हिस्से के 493 करोड़ रुपये नहीं दिए हैं। केवल दो सौ करोड़ ही दिए हैं। पीयू के वित्तीय संकट पर उन्होंने केवल यह सुझाव मात्र दिया था कि अगर हरियाणा के तीन जिलों के कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी मान्यता दे देती है तो वह अपने हिस्से की राशि दे देंगे, लेकिन मुख्यमंत्री जगह-जगह उनकी इस बात को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं।
मंगलवार को विधानसभा के संपन्न हुए सत्र में पारित किए गए बिलों को लेकर राज्यपाल ने सीधी कोई टिप्पणी नहीं की है। उन्होंने कहा कि अभी तक यह बिल उनके पास नहीं पहुंचे हैं, लेकिन वह हर बिल की कानूनी तौर पर जांच करवाएंगे। उन्होंने कहा मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि वह यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं या नहीं, लेकिन उनके पास राज्यपाल रहते हुए ही बहुत सी शक्तियां हैं। उन्होंने कहा कि उनके सब्र का बांध अभी टूटा नहीं है।

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