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    Punjab News: तरक्की की राह पर पंजाब, सरकारी नौकरी के जरिए सुनहरे भविष्य के सपने को साकार कर रही मान सरकार

    By Jagran NewsEdited By: Gaurav Tiwari
    Updated: Fri, 29 Sep 2023 05:24 PM (IST)

    सुनहरे भविष्य की तलाश में हरेक साल तीन लाख के करीब युवा विदेशों का रुख कर रहे है। कोई शिक्षा के लिए विदेश जा रहा है तो कोई रोजगार की तलाश में। भगवंत सिंह मान ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही राज्य को रंगला पंजाब बनाने का सपना देखा। अब तक 36000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है।

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    पहले डेढ़ साल में 36000 से अधिक रोजगार देना अभी तक का पंजाब में रिकार्ड माना जा रहा है।

    चंडीगढ़। सुनहरे भविष्य की तलाश में हरेक साल तीन लाख के करीब युवा विदेशों का रुख कर रहे है। कोई शिक्षा के लिए विदेश जा रहा है तो कोई रोजगार की तलाश में। भगवंत सिंह मान ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही राज्य को रंगला पंजाब बनाने का सपना देखा। मुख्यमंत्री पद पर बैठने के साथ ही उन्होंने 25 हजार सरकारी नौकरियां देने का वायदा पंजाब के युवाओं से किया। तब से लेकर आज तक न सिर्फ 36,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है।

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    पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार बनने के साथ ही न सिर्फ सरकारी स्तर पर बल्कि प्राइवेट स्तर पर भी बड़ी संख्या में रोजगार मुहैया करवाया जा रहा है। किसी भी सरकार के पहले डेढ़ साल में 36,000 से अधिक रोजगार देना अभी तक का पंजाब में रिकार्ड माना जा रहा है।

    मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान कहते हैं, आंकड़े भले ही गर्व पैदा करते हो लेकिन सरकार का लक्ष्य बड़ा है। पंजाब सरकार नई नौकरियां सृजित करने के भरसक प्रयास कर रही है। यह नौकरियां पंजाब में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के अलावा युवाओं को सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदार बनाएंगी।

    रोजगार सृजन, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण विभाग कर रहा है मार्गदर्शन

    मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब का रोजगार सृजन, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण विभाग बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए जुटा हुआ है। विभाग के प्रयासों और नई योजनाओं से राज्य में युवाओं के लिए सरकारी ही नहीं निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

    राज्य में प्लेसमेंट कैंप, रोजगार मेलों, स्वरोजगार कैंप और करियर मार्गदर्शन के शिविर आयोजित कर युवाओं को नई दिशा दिखाने में अहम भूमिका निभा रहा है। 22 जिलों में रोजगार और उद्यम ब्यूरो कार्यालय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए लगातार कई गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं। अप्रैल 2022 से जून 2023 तक 15 महीने में पंजाब में 2504 रोजगार मेलों व प्लेसमेंट कैंपों का आयोजन किया गया। इनमें 1,58,229 उम्मीदवारों को विभिन्न निजी क्षेत्र के संगठनों में रोजगार की सुविधा प्रदान की गई।

    यही नहीं, बेरोजगार युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त करने के लिए शिक्षण संस्थानों में 10,896 कैरियर वार्ता और 277 कैरियर सम्मेलन का आयोजन भी करवाया गया। राज्य में स्वरोजगार के लिए 970 शिविर लगाए गए। 1,43,076 युवाओं को विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के तहत ऋण स्वीकृत करवाने में सुविधा प्रदान की गई।

    विशेष पहल कर बढ़ाए कदम

    - पंजाब पुलिस में भर्ती के लिए जिला रोजगार एवं उद्यम ब्यूरो कपूरथला की ओर से युवाओं को विशेष प्रशिक्षण दिलाया गया। 266 अभ्यर्थियों ने इस सुविधा का लाभ उठाया।

    - जिला रोजगार एवं उद्यम ब्यूरो कार्यालय संगरूर ने एक अभियान शुरू किया, जिसके तहत युवाओं को दो से पांच माह के लिए प्रशिक्षित किया जाना है। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें 8,000 रुपये वजीफा दिया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद मूल्यांकन के आधार पर उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। अब तक 31 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

    - जिला रोजगार कार्यालय फिरोजपुर ने नशे से प्रभावित युवाओं के सुधार और पुनर्वास के लिए विशेष कौशल कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत 30 युवाओं को प्लंबर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। उन्हें एक विशेष टूल किट दी गई है। कई को नौकरी मिल गई है और कई ने अपना काम शुरू कर दिया है।

    - जिला रोजगार कार्यालय होशियारपुर ने आजीविका कमाने के लिए स्ट्रीट वेंड व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक उम्मीदवारों की पहचान की। इन उम्मीदवारों की पहचान फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट के माध्यम से की गई। इसके लिए 18-55 वर्ष के बेरोजगार पुरुष और महिला पात्र थे। चार उम्मीदवारों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए पूरी तरह से मुफ्त आधुनिक स्ट्रीट वेंड और कुछ बुनियादी सामान उपलब्ध करवाया गया।

    - होशियारपुर में ई-रिक्शा से रोजगार का अनोखा प्रोजेक्ट भी शुरू किया गया। इसके तहत नौ लाभार्थियों को पीएमईजीपी की सब्सिडी योजना के तहत ई-रिक्शा दिया गया है। इन लाभार्थियों ने प्रतिदिन 700 से 1000 रुपये आय अर्जित करना शुरू कर दिया है। इसके तहत सबसे गरीब अभ्यर्थियों की पहचान की गई और फिर उन्हें ई-रिक्शा के माध्यम से स्वरोजगार चुनने का परामर्श दिया गया।