Punjab News: करोड़ों का टर्नओवर पर टैक्स आ रहा था जीरो, इंटेलिजेंस यूनिट स्थापित करने के बाद कई ऐसे सेक्टर आए सामने
टेक्सेशन विभाग ने हाल ही में घरों में चलाए जा रहे बुटीक पर शिकंजा कसा है जहां पर हजारों रुपए का सामान रोजाना बेचा जाता है लेकिन इनमें से एक फूटी कौड़ी भी जीएसटी के रूप में पंजाब के खजाने में नहीं आती है जबकि यह सेक्टर 18 फीसदी जीएसटी के दायरे में है। राज्य के ऐसे 700 बुटीक की पहचान की है जहां लाखों रुपए की टर्न ओवर है।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब के टेक्सेशन विभाग (Punjab Taxation Department) ने हाल ही में घरों में चलाए जा रहे बुटीक (Boutique Running in Home) पर शिकंजा कसा है जहां पर हजारों रुपए का सामान रोजाना बेचा जाता है, लेकिन इनमें से एक फूटी कौड़ी भी जीएसटी के रूप में पंजाब के खजाने में नहीं आती है जबकि यह सेक्टर 18 फीसदी जीएसटी के दायरे में है।
700 बुटिक शक के घेरे में
पंजाब के टेक्सेशन विभाग ने राज्य के ऐसे 700 बुटीक की पहचान की है जहां लाखों रुपए की टर्न ओवर है, लेकिन ये टैक्स नहीं देते। विभाग के सीनियर अधिकारी ने बताया कि इन बुटीक पर एक एक लहंगा एक-एक लाख रुपए से कहीं अधिक है। यही नहीं, बहुत से बुटीक लहंगों को किराए पर भी देते हैं लेकिन ये उन पर टैक्स अदा नहीं करते।
18 फीसदी लगा जीएसटी
बुटीक से पहले इसी प्रकार की छापेमारी आइल्स सेंटरो पर भी की गई थी। अगस्त महीने में हुई छापेमारी के दौरान 21 ऐसे केंद्र पकड़ में आए जिन्होंने चार करोड़ रुपए का खजाने का चूना लगाया था। ये भी विद्यार्थियों से फीस के रूप में नकद ले रहे थे लेकिन उसका जीएसटी अदा नहीं कर रहे थे। जबकि इन पर भी 18 फीसदी जीएसटी लगा हुआ है। पंजाब में इस समय एक हजार के लगभग आइल्स सेंटर काम कर रहे हैं जिनसे एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के जीएसटी की अपेक्षा है।
करोड़ों के टर्नओवर पर नहीं देते टैक्स
दरअसल, जब से पंजाब ने टेक्सेशन को लेकर इंटेलिजेंस यूनिट स्थापित की है जहां पर राज्य में होने वाले खर्च का विश्लेषण होता है वहां से इस प्रकार की सूचनाएं आती हैं कि किस सेक्टर में टर्नओवर काफी ज्यादा होने के बावजूद जीएसटी नहीं आ रहा है।उन क्षेत्रों में फोकस करने के बाद से इस तरह की लीकेज बंद करने में मदद मिल रही है।
पहले वैट और अब जीएसटी को लेकर है फोकस
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने दैनिक जागरण को बताया कि बहुत से ऐसे सेक्टर है, जहां पर फोकस करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि खासतौर पर सर्विस सेक्टर में। टेक्सेशन विभाग का फोकस अब तक पहले वैट और अब जीएसटी को लेकर है, जिसमें सर्विस सेक्टर अवहेलित रह जाता है। जबकि यहां जीएसटी की अपार संभावनाएं रहती हैं।
टैक्स की कलेक्शन काफी कम
आइल्स सेंटर इसकी बड़ी उदाहरण है। इसी तरह से आईवीएफ सेंटर, स्किन सेंटर आदि भी हमारे फोकस में हैं। ब्यूटी पार्लर आदि भी बड़े पैमाने पर कारोबार तो कर रहे हैं और पजाब जहां शादी विवाहों पर लोग अच्छा खासा खर्च करते हैं के बावजूद टैक्स की कलेक्शन काफी कम थी, जिस पर अब विभाग ध्यान दे रहा है इसलिए हम लगातार जीएसटी की कलेक्शन बढ़ा रहे हैं।
प्लाईवुड आदि इंडस्ट्री पर विशेष ध्यान दिया जा रहा
हरपाल चीमा ने कहा कि इंटेलिजेंस यूनिट का कितना लाभ हुआ है इसका आकलन तो साल के अंत में ही लगेगा लेकिन हमारी टीमें अब जिस तरह से उन जगहों की तलाश कर रही हैं जहां करोड़ों का टर्नओवर होने के बावजूद टैक्स नहीं आ रहा था।
काबिले गौर कि जो सेक्टर खुला माल बेच रहे हैं वहां टैक्स चोरी की संभावनाएं ज्यादा हैं। गांवों व शहरों की गलियों में लगने वाली टाइल्स, मकानों के अंदर लगने वाली टाइल्स, स्टील बेचने वाले दुकानदार और प्लाईवुड आदि इंडस्ट्री पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
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