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    Punjab News: SYL Canal पर नोट लिखें इंजीनियर, जल संसाधन विभाग ने नोटिस किया जारी; कहा- सुप्रीम कोर्ट से नहीं होग कोई संबंध

    Sutlej Yamuna Link (SYL) नहर के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच पंजाब सरकार ने एक आदेश जारी किया है। पंजाब सरकार ने संसाधन विभाग के सभी इंजीनियरों से SYL नहर के बारे में 1500 से 2000 शब्द का नोट लिखने को कहा है। इस पत्र में लिखा गया था कि ज्यादातर इंजीनियरों को SYL नहर और अंतरराज्यीय जल मुद्दों के बारे में जानकारी नहीं है।

    By AgencyEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Mon, 16 Oct 2023 04:13 PM (IST)
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    यमुना सतलुज लिंक पर इंजीनियरयों को लिखना होगा नोट

    एएनआई, चंडीगढ़। सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच पंजाब सरकार (Punjab Government) ने एक आदेश जारी किया है। पंजाब सरकार ने संसाधन विभाग के सभी इंजीनियरों से SYL नहर के बारे में 1500 से 2000 शब्द का नोट लिखने को कहा है।

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    दरअसल, जल संसाधन विभाग की ओर से 13 मार्च 2023 को विभाग के इंजीनियर को पत्र लिखा गया था। इस पत्र में लिखा गया था कि ज्यादातर इंजीनियरों को SYL नहर और अंतरराज्यीय जल मुद्दों के बारे में जानकारी नहीं है।

    1500 से 2000 शब्दों में लिखना होगा पत्र

    इसी के चलते सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि इंजीनियरों को एसवाईएल से जुड़ी सभी जानकारी के बारे में 1500 से 2000 शब्द लिखें। इस लेख में उन्हें SYL नहर का इतिहास मौजूदा समझौता, विभाजन पूर्व स्थिति, वर्तमान परिदृश्य और सुझाव लिखने होंगे।

    सुप्रीम कार्ट का नहीं होगा लेना-देना

    वहीं सरकार ने ये भी कहा है कि इंजीनियरों द्वारा लिखे गए ये नोट जल संसाधन विभाग के पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे। वहीं सरकार ने यहां ये भी स्पष्ठ किया कि इस पोर्टल का सुप्रीम कोर्ट के SYL सर्वे से कोई लेना-देना नहीं होगा।

    इस दौरान पंजाब के सीएम भगवंत मान ने SYL के मुद्दे पर विपक्षी नेता सुनील जाखड़, सुखबीर बादल और प्रताप बाजवा की आलोचना की।

    शिअद ने लगाए आरोप

    इस मुद्दे पर शिअद ने आरोप लगाया है कि पंजाब के जल संसाधन विभाग के पोर्टल पर एक मॉड्यूल "एसवाईएल नहर सर्वेक्षण" का संकेत देता है। शिअद का कहना है कि पंजाब सरकार ने मॉड्यूल का बचाव करते हुए कहा कि इसे एसवाईएल नहर मुद्दे के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए लॉन्च किया गया था और इसका नहर के निर्माण के संबंध में हाल के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कोई संबंध नहीं है।

    मान की टिप्पणी के बाद हरियाणा के विधायक देवी लाल का भी बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत प्रकाश सिंह बादल की प्रशंसा की थी।

    सीएम मान ने ये किया पोस्ट

    इस मुद्दे को लेकर सीएम मान ने एक्स पर पोस्ट करते हुए विपक्षी नेता सुनील जाखड़, सुखबीर बादल, बाजवा, राजा वडिंग के ऊपर निशाना साधते हुए कहा कि “आपको थोड़ी शर्म है या नहीं”। हरियाणा विधानसभा में विधायक देवी लाल ने इस मुद्दे पर एसवाईएल के सर्वेक्षण की अनुमति के लिए पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल की तारीफ की। सीएम मान ने कहा कि जहां तक नदी का पानी जाता है, आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। जब मैं बच्चा था तो मेरे माता-पिता मुझे खेतों की देखभाल करने के लिए कहते थे। पहली नवंबर को लोगों को पता चल जाएगा कि वास्तव में पंजाब की इस धरती के लिए किसने बलिदान दिया।''

    वहीं बुधवार को पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने मान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम मान सत्ता संभालने के बाद वे "अपनी गरिमा भूल गए"।

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    ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा सरकार

    जाखड़ ने कहा कि आप सरकार लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। हम किस पर बात करें, जब पंजाब में पानी है ही नहीं तो बात करने का कोई मतलब ही नहीं बनता।

    2004 में, पंजाब सरकार ने एक कानून पारित किया था, जिसने एसवाईएल समझौते और ऐसे अन्य समझौतों को एकतरफा रद्द कर दिया, हालांकि, 2016 में शीर्ष अदालत ने इस कानून को रद्द कर दिया था। बाद में, पंजाब आगे बढ़ा और अधिग्रहीत भूमि - जिस पर नहर का निर्माण किया जाना था - भूस्वामियों को लौटा दी।

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