Punjab News: जनता से होगा सीधा संपर्क कायम, जिला स्तर पर होगी ‘गांव- सरकार मिलनी’, मुख्यमंत्री ने की घोषणा
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को कहा कि ‘किसान-सरकार मिलनी’ की तर्ज पर ‘गांव- सरकार मिलनी’ करवाई जायेगी जिससे गांवों के चुने हुए प्रतिनिधियों को विकास कार्यों में हिस्सेदार बनाने के साथ-साथ उनके सुझाव प्राप्त किये जा सके। मुख्यमंत्री कार्यालय में ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘गांव- सरकार मिलनी’ जिला स्तर पर भी कराई जाएगी।

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। सूबे में लोगों के साथ सीधा संपर्क कायम करने के उद्देश्य से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को कहा कि ‘किसान- सरकार मिलनी’ की तर्ज पर ‘गांव- सरकार मिलनी’ करवाई जायेगी जिससे गांवों के चुने हुए प्रतिनिधियों को विकास कार्यों में हिस्सेदार बनाने के साथ-साथ उनके सुझाव प्राप्त किये जा सके।
मुख्यमंत्री कार्यालय में ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘गांव- सरकार मिलनी’ जिला स्तर पर कराई जाएगी जहां पंचायतों अधिकारियों को गांवों के विकास के लिए पेश मुश्किलों संबंधी अवगत करवाएंगी।
60 प्रतिशत गांव मालवा क्षेत्र में पड़ते हैं
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग को ‘गांव- सरकार मिलनी’ के लिए उचित प्रबंध करने के लिए कहा। जिससे चुने हुए प्रतिनिधि को अपनी बात रखने में कोई मुश्किल पेश न आए। भगवंत मान ने कहा कि यह मिलनी मालवा क्षेत्र में दो दिन जबकि दोआबे और माझे में एक-एक दिन करवाई जाएंगी क्योंकि सूबे के 60 प्रतिशत गांव मालवा क्षेत्र में पड़ते हैं।
गांवों को माडर्न गांवों के तौर पर विकसित किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अक्सर देखा गया कि पंचायतें कई बार जिला प्रशासन के स्तर पर हल होने वाले छोटे-छोटे मामले भी संबंधित अधिकारियों तक नहीं पहुंचते। जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सूबे की कई पंचायतों ने अलग प्रोजेक्ट लागू करके अपने-अपने गांवों को माडर्न गांवों के तौर पर विकसित किया है। जिसके साथ इन पंचायतों से सुझाव भी लिए जाएंगे। इसलिए सूबे में गांव- सरकार मिलनी करवाने का फैसला लिया है।
‘किसान-सरकार मिलनी’ की सफलता
सूबे में ‘किसान-सरकार मिलनी’ की सफलता का जिक्र करते मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मिलनी में उन्होंने ख़ुद पंजाब कृषि विश्वविद्यालय जाकर किसानों की मुश्किलें सुनी थी। उन्होंने कहा कि किसानों ने नहरी पानी समय पर छोड़ने, धान की बिजाई आदि संबंधी सुझाव भी दिए थे।
इस मौके वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर, स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह के अलावा मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव ए वेणु प्रसाद और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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