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    अब पंजाब में देख पाएंगे बैलगाड़ियों की रेस, 11 साल बाद हटी पाबंदी; मान सरकार का बड़ा एलान

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 11:00 AM (IST)

    मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि बैलगाड़ी दौड़ पंजाब की संस्कृति से जुड़ी है और सरकार ने पंजाब पशु क्रूरता रोकथाम (पंजाब संशोधन) अधिनियम-2025 लाकर पूरे पंजाब में बैलगाड़ी दौड़ का रास्ता खोल दिया है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य खेलों में भाग लेने वाले पशुओं के लिए सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करना है।

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    चंडीगढ़ स्थित एमएलए हास्टल में बैलगाड़ी लेकर पहुंचे लोगों के मिलते मुख्यमंत्री भगवंत मान। (सोशल मीडिया एक्स फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि बैलों को पंजाब में किसान अपने बेटे की तरह पालते हैं। बैलगाड़ी दौड़ में हिस्सा लेने वाले बैलों की खुराक ही लाखों में होती है। बैलगाड़ी दौड़ पंजाब के सभ्याचार से जुड़ा हुई है। गुरु नानक देव जी ने भी बैलों से खेती की थी।

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    उन्होंने कहा कि पंजाब पशु क्रूरता रोकथाम (पंजाब संशोधन) अधिनियम-2025 का मुख्य उद्देश्य खेलों में भाग लेने वाले पशुओं के लिए सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करना है जिसमें पशुओं की पशु चिकित्सा निगरानी, सुरक्षा मानक, पंजीकरण/दस्तावेज और उल्लंघनों के लिए सजा शामिल है।

    उन्होंने उम्मीद जताई कि गांवों में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने से पंजाब की देसी पशु नस्लों को बचाने में भी मदद मिलेगी। पंजाब में बैलगाड़ी दौड़ का रास्ता साफ करने वाले विधेयक पर हुई बहस में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री ने ये बातें कहीं।

    पंजाब के रहे हैं लोकप्रिय खेल

    बहस में हिस्सा लेते हुए अकाली विधायक मनप्रीत अयाली ने कहा कि कुत्ता दौड़, कबूतरबाजी व बैलगाड़ी दौड़ पंजाब के लोकप्रिय खेल रहे हैं। इन पर अत्याचार न हो, इसके लिए कुछ शर्ते लगाई जा सकती हैं, लेकिन इसे रोका नहीं जाना चाहिए।

    कांग्रेस सरकार के दौरान जो बिल पास करके राष्ट्रपति को भेजा गया था, उसमें किला रायपुर में होने वाली बैलगाड़ी दौड़ को ही छूट देने का प्रावधान किया गया था जबकि आप सरकार ने पंजाब पशु क्रूरता रोकथाम (पंजाब संशोधन) अधिनियम-2025 को लाकर पूरे पंजाब में बैल गाड़ी की दौड़ का रास्ता खोल दिया है। पंजाब में 2014 से लोकप्रिय बैलगाड़ी दौड़ बंद है।

    दो प्राइवेट यूनिवर्सिटी को मंजूरी, 19 प्राइवेट यूनिवर्सिटियां हुईं

    उच्च शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने रियात बाहरा प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, होशियारपुर और सीजीसी यूनिवर्सिटी के अलग-अलग बिल पेश किए। विपक्ष ने प्राइवेट यूनिवर्सिटी के आने का विरोध तो नहीं किया लेकिन प्राइवेट यूनिवर्सिटी पर कंट्रोल रखने के लिए रेगुलेटरी अथॉर्टी की मांग की।

    कांग्रेस के विधायक राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि प्राइवेट यूनिवर्सिटियां मनमाने तरीके से फीस वसूल रही हैं इसलिए जरूरी है कि एक रेगुलेटरी अथार्टी बनाई जाए ताकि क्वालिटी एजुकेशन भी बच्चों को मिल सके।

    एक घंटे बहस के बाद सरकार की ओर से रेगुलेटरी अथार्टी बनाने के भरोसे के बिना ही दोनों ही बिल एक-एक करके पास हो गए। इसी के साथ पंजाब में अब प्राइवेट यूनिवर्सिटियों की संख्या 19 हो गई है। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, उपचुनाव के दौरान आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने जालंधर में एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोलने की घोषणा की थी।

    20 कर्मचारियों वाले संस्थानों को शॉप एक्ट में राहत

    श्रममंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने सदन में पंजाब लेबर वेलफेयर फंड बिल, 2025 व पंजाब दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठिान बिल 2025 पेश किया जो बिना किसी बहस के सर्वसम्मति से पास हो गया। इसके अंतर्गत 20 कर्मचारियों तक रोजगार देने वाले सभी अदारों को एक्ट के सभी उपबंधों से छूट दी जाएगी।

    ऐसे सभी अदारों को एक्ट के लागू होने या कारोबार शुरू होने के छह महीनों के अंदर संबंधित इंस्पेक्टर को जानकारी देनी होगी। एक तिमाही में ओवरटाइम 50 घंटों से बढ़ा कर 144 घंटे किया जा रहा है।

    इसके अनुसार एक दिन में काम की मियाद 10 घंटों से बढ़ा कर 12 घंटे कर दी गई है जिसमें आराम करने के लिए अंतराल भी शामिल हैं। दिन में 9 घंटे और सप्ताह में 48 घंटों से अधिक काम के घंटों के लिए दोगुनी दर के साथ ओवरटाइम का भुगतान करना पड़ेगा।