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    होशियारपुर मर्डर के बाद प्रवासी मजदूरों के बहिष्कार से सरकार चिंतित, चीमा बोले- 'पंजाबी भी दूसरे राज्यों में हैं'

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 12:34 PM (IST)

    होशियारपुर में हुई एक घटना के बाद पंजाब में बाहरी राज्यों के श्रमिकों को परेशान किया जा रहा है जिससे सरकार चिंतित है। वित्त मंत्री हरपाल चीमा और उद्योग मंत्री संजीव अरोड़ा ने श्रमिकों का समर्थन किया है। किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि श्रमिकों के जाने से कृषि क्षेत्र में संकट आ सकता है। सरकार और किसान नेताओं ने ऐसी घटनाओं की निंदा की है।

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    हरपाल चीमा ने पंजाब में प्रवासी मजदूरों के बहिष्कार पर चिंता जाहिर की हा (फाइल फोटो)

    कैलाश नाथ, चंडीगढ़। होशियारपुर में बाहरी राज्य के एक व्यक्ति की तरफ से की गई बच्चे की हत्या के बाद बिना वजह दूसरे राज्यों के लोगों को परेशान किया जा रहा है और जबरन वापस जाने का दबाव बनाया जा रहा है। कुछ घटनाओं के सामने आने बाद पंजाब के कैबिनेट मंत्री और किसान नेता श्रमिकों के समर्थन में आ गए हैं।

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    वित्त मंत्री हरपाल चीमा का कहना है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि लोकतंत्र में कोई भी श्रमिक कहीं पर जाकर अपना रोजगार प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पंजाब के लोग भी दूसरे राज्यों में जाकर नौकरी करते हैं और वहां पर व्यापार करते हैं।

    वहीं, राज्य के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन उगराहां के प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा ‘श्रमिकों का पंजाब के कृषि और इंडस्ट्री के साथ गहरा रिश्ता है। श्रमिक अगर राज्य छोड़ते हैं तो कृषि और इंडस्ट्री के सामने श्रम शक्ति का गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा।’ वित्त मंत्री ने कहा कि कोई एक घटना को पूरे क्षेत्र या समुदाय से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए। कानून अपना काम कर रहा है।

    वहीं, उद्योग मंत्री संजीव अरोड़ा ने कहा ‘ऐसी सूचनाएं आ रहीं हैं कि दूसरे राज्यों से आए श्रमिकों को जबरदस्ती वापस भेजा जा रहा है। यह सरासर गलत है। एक घटना के कारण सभी को कसूरवार नहीं ठहराया जाना चाहिए।’

    अहम बात यह हैं कि राज्य के कुछ स्थानीय नेताओं की तरफ से श्रमिकों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार और उन्हें जबरदस्ती वापस भेजने की घटनाओं के बाद पंजाब सरकार भी खासा चिंतित है। सरकार के सामने सबसे बड़ी परेशानी यह है कि कृषि और इंडस्ट्री सेक्टर में इन श्रमिकों की संख्या सबसे अधिक है। अगर यह मामला तूल पकड़ता है तो इससे पंजाब की छवि खराब होगी।

    बता दें कि 2008-9 के दौरान जालंधर और लुधियाना में इस तरह की घटनाएं हुई थीं, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को हस्तक्षेप करना पड़ा था। समूची इंडस्ट्री भी श्रमिकों के समर्थन में खड़ी हो गई थी। अहम पहलू यह है कि किसान नेता भी श्रमिकों के समर्थन में खड़े हो गए हैं। किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां कहते हैं कि कृषि क्षेत्र में इन श्रमिकों का बहुत बड़ा योगदान हैं। हमें इसे भूलना नहीं चाहिए।’

    नगर कौंसिल आनंदपुर साहिब के प्रधान हरजीत सिंह जीता ने तख्त श्री केसगढ़ साहिब में बाहरी राज्यों के लोगों के साथ कुछ स्थानीय लोगों की तरफ किए गए दुर्व्यवहार की शिकायत जिला पुलिस से की है। हरजीत ने स्थानीय पुलिस और एसएसपी रूपनगर को दी शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कुछ स्थानीय लोगों ने 17 सितंबर की रात्रि उत्तर प्रदेश और बिहार के तीर्थयात्रियों को जबरन शहर से निकाल कर ट्रेनों में बिठाने का प्रयास किया। वीडियो देख मौके पर पहुंचेल तो पता चला कि कुछ लोग तीर्थयात्रियों को जबरन रेलवे स्टेशन ले जाने की कोशिश कर रहे थे। इसके बाद उन्हें रोका। और पुलिस को शिकायत दी।