'संभाल नहीं सकते तो जिला क्यों बनाया...', पंजाब सरकार को हाई कोर्ट ने आखिर किस बात पर लगाई फटकार?
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने मालेरकोटला में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के लिए सरकारी आवास न होने पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि जब जिला संभाला नहीं जा रहा तो बनाया क्यों? कोर्ट ने कहा कि अगर जजों के लिए आवास नहीं है तो प्रशासनिक अधिकारियों के मकान खाली कराए जाएंगे।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जब जिला ही नहीं संभाला जा रहा तो बनाया क्यों ? क्या सत्र न्यायाधीश रोज संगरूर से मालेरकोटला सफर करेगा? यह सवाल पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मालेरकोटला में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के लिए सरकारी आवास न होने और उन्हें संगरूर से प्रतिदिन अप-डाउन करने की दलील पर पंजाब सरकार को सख्त फटकार लगाते हुए किया।
अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि मालेरकोटला में जजों के लिए आवास नहीं है, तो प्रशासनिक अधिकारियों के मकान खाली कराए जाएंगे।
हाई कोर्ट ने दी तीखी प्रतिक्रिया
मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने बताया कि मालेरकोटला में जिला जज के लिए न कोई सरकारी आवास है और न ही निजी भवन, जबकि संगरूर में उपयुक्त आवास उपलब्ध है जो मालेरकोटला से लगभग 30 मिनट की दूरी पर स्थित है। इस पर हाई कोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा ‘अगर डीसी को सरकारी आवास मिल सकता है तो जज को क्यों नहीं? हम अपने जजों को रोज अप-डाउन नहीं करवाएंगे।
आपने जिला बनाया है, तो बुनियादी सुविधाएं भी सुनिश्चित करें।’ कोर्ट ने सरकार से पूछा कि मालेरकोटला में किस प्रशासनिक अधिकारी को कौन सा सरकारी मकान आवंटित किया है। जवाब में पंजाब सरकार ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में रह रहे हैं।
अधिकारियों क आवासों की कोर्ट ने मांगी सूचना
कोर्ट ने अगली सुनवाई में मालेरकोटला स्थित प्रशासनिक अधिकारियों के आवासों की फोटो और सूची मांगी है। साथ ही, आदेश दिया है कि जिला जज के वेतनमान के स्तर के अधिकारियों को दिए गए सभी आवासों का पूरा ब्योरा पेश किया जाए। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और अस्थाई समाधान तलाश रही है।
उन्होंने यह दिखाने के लिए कि सरकार न्यायिक मांगों के प्रति गंभीर है, जीरकपुर में तहसील कार्यालय खाली कराने के हाई कोर्ट के पुराने आदेश को याद दिलाया। हरियाणा सरकार ने कोर्ट को अवगत कराया कि सभी जिलों से जजों के आवास व कोर्टरूम की उपलब्धता संबंधी विस्तृत हलफनामा अगली सुनवाई तक दाखिल कर दिया जाएगा।
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