पंजाब में पांच किलो सोना लूट मामले में हाई कोर्ट सख्त, लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ दिए जांच के आदेश
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने लूट और हत्या के एक मामले में पुलिस की निष्क्रियता पर नाराज़गी जताई है। अदालत ने 2021 में दर्ज मामले में चार साल तक कोई ठोस कार्रवाई न होने पर सवाल उठाए। याचिकाकर्ता रणधीर सिंह ने अग्रिम जमानत की मांग की है। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक गंभीर लूट और हत्या के मामले में पुलिस की निष्क्रियता पर कड़ा रुख अपनाया है।
जस्टिस एनएस शेखावत ने पाच किलो सोना और अन्य कीमती सामान की लूट तथा एक व्यक्ति की मौत के मामले में चार साल तक कोई ठोस कार्रवाई न करने पर नाराजगी जताई है।यह मामला 20 सितंबर 2021 को थाना कीरतपुर, जिला रूपनगर में तहत दर्ज किया गया था।याचिकाकर्ता रणधीर उर्फ रणधीर सिंह ने अग्रिम जमानत की मांग की है।
उसके वकील ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में सह-अभियुक्त सुनील की गिरफ्तारी के बाद 25 नवंबर 2021 को उसके बयान में याची और उसकी पत्नी का नाम सामने आया। सुनील ने कथित रूप से कहा था कि उसने 1.75 किलोग्राम सोना रणधीर को सौंपा था।
सुनील पर 58 आपराधिक मामले दर्ज
आरोप लगाया गया कि सुनील पर 58 आपराधिक मामले दर्ज है। याची ने अग्रिम जमानत की मांग करते हुए इस मामले की उचित जांच करवाने का कोर्ट से आग्रह किया।
कोर्ट ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि इतने गंभीर मामले में चार वर्षों तक पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया।
अब जब हाई कोर्ट में निष्पक्ष जांच के लिए याचिका दायर की गई, तब जाकर पुलिस हरकत में आई।कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और पुलिस से अब तक की गई जांच की रिपोर्ट 24 जुलाई 2025 तक शपथ-पत्र के रूप में दाखिल करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने दी चेतावनी
साथ ही, एसएसपी को आदेश दिया गया है कि वे उन सभी अफसरों के नाम बताएं जो 20 सितंबर 2021 से अब तक संबंधित थाना में तैनात रहे और उन्होंने क्या-क्या कदम उठाए।
कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि रिपोर्ट दाखिल नहीं हुई तो संबंधित एसएसपी को अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा। लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई के भी संकेत दिए गए हैं।
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