चंडीगढ़ नगर निगम के नए चीफ इंजीनियर पद पर पंजाब-हरियाणा की नजर, प्रशासक अगले माह लगाएंगे मोहर
नए चीफ इंजीनियर के लिए पंजाब और हरियाणा की ओर से अपने अधिकारियों के लिए लाबिंग की जा रही है। हरियाणा से तीन इंजीनियर्स का नाम पैनल में आया है। जबकि पंजाब पैनल में स्मार्ट सिटी के सीजेएम एनपी शर्मा का नाम शामिल है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में अपने अधिकारी बिठाने के लिए हरियाणा और पंजाब में लगातार जंग छिड़ी रहती है। पंजाब और हरियाणा सरकार चंडीगढ़ प्रशासन में अपने अहम अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा जिम्मेदारी दिलवाना चाहती है। इस समय चंडीगढ़ नगर निगम के नए चीफ इंजीनियर पद के लिए पंजाब और हरियाणा दोनों प्रयास कर रही हैं। नगर निगम के नए चीफ इंजीनियर के लिए अभी कोई नाम तय नहीं हुआ है। प्रशासक की ओर से जल्द ही नए चीफ इंजीनियर पद के लिए इंटरव्यू लिया जाएगा।
नए चीफ इंजीनियर के लिए पंजाब और हरियाणा की ओर से अपने अधिकारियों के लिए लाबिंग की जा रही है। इस पद पर अभी शेलेंद्र सिंह के पास चार्ज है। हरियाणा से तीन इंजीनियर्स का नाम पैनल में आया है। जबकि पंजाब से आए पैनल में स्मार्ट सिटी के सीजेएम एनपी शर्मा का नाम शामिल है। एनपी शर्मा को चीफ इंजीनियर बनाने के लिए लाबिंग भी चल रही है। हालांकि वर्तमान में तैनात शेलेंद्र सिंह सीनियर है। उन्हें सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर के तौर पर काम करते हुए तीन साल हो गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि पिछले सलाहकार मनोज परिदा इस पद के लिए एक उम्मीदवार की सिफारिश भी फाइल में कर गए हैं, लेकिन अंतिम फैसला प्रशासक वीपी सिंह बदनौर करेंगे। एनपी शर्मा छह साल पहले भी नगर निगम के चीफ इंजीनियर पद पर काम कर चुके हैं। जबकि उस समय वह एक्सईन थे। एनपी शर्मा इस समय पंजाब कैडर के एसई पद पर तैनात हैं। इंद्रजीत गुलाटी ने नगर निगम के रोड विंग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर के तौर पर पद संभाल लिया है। संजय अरोड़ा ने यह चार्ज छोड़ दिया है, अब वह प्रशासन के एसई पद पर तैनात हैं।
सूत्रों का कहना है कि अगले माह प्रशासक वीपी सिंह बदनौर तय करेंगे कि नगर निगम का नया चीफ कौन होगा। जबकि यूटी कैडर के इंजीनियर इस पद पर अपने अधिकारी को बिठाना चाहते हैं। पिछले डेढ़ साल से नगर निगम के चीफ इंजीनियर का चार्ज एसई शेलेंद्र सिंह के पास है। मालूम हो कि इस समय चंडीगढ़ में ऐसे कई अधिकारी हैं जो कि पंजाब व हरियाणा से हैं, लेकिन वह लंबे समय से चंडीगढ़ में काम कर रहे हैं जबकि नियम के अनुसार अधिकारी तीन साल से ज्यादा समय तक नहीं रह सकते हैं। लेकिन आधा दर्जन अधिकारी ऐसे हैं जो कि हर साल एक्सटेंशन ले लेते हैं। आला अधिकारी अपने चहेतों को चंडीगढ़ में रोकने में कामयाब हो रहे हैं। प्रशासन में इस समय चीफ इंजीनियर सीबी ओझा हैं जो कि यूटी कैडर के हैं जबकि इस पद पर भी हरियाणा और पंजाब सरकार की नजर है।
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