Punjab में राज्यपाल के अभिभाषण पर विवाद; CM पर बरसे बनवारी लाल, मान बोले- 'मैं तथ्यों के बिना बात नहीं करता'
राज्यपाल आज चंडीगढ़ में यूटी प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद मीडिया कर्मियों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह याद रखन ...और पढ़ें

चंडीगढ़, इन्द्रप्रीत। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच एक बार फिर से वाकयुद्ध शुरू हो गया, जब राज्यपाल ने यूटी प्रशासन की एक मीटिंग के दौरान कह दिया कि उन्होंने कभी भी राज्यपाल के अभिभाषण से मेरी सरकार शब्द हटाने को नहीं कहा। वह बीते कल मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिल्ली के रामलीला मैदान में दिए गए उस बयान का जवाब दे रहे थे जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्यपाल अपने अभिभाषण से "मेरी सरकार" शब्द हटाना चाहते थे।
इसका जवाब देते हुए राज्यपाल ने कहा कि वह ऐसा क्यों करेंगे जब उनकी सरकार है। राज्यपाल ने कहा कि जब सारे आदेश मेरे हस्ताक्षर से जारी होते हैं तो वह क्यों ऐसा करेंगे। इस पर शाम को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने ट्विटर हैंडल पर विधानसभा का वह वीडियो शेयर कर दिया जिसमें राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित अपने अभिभाषण में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के कहने पर "मेरी सरकार" के कहने की बजाए सिर्फ "सरकार" कहने लगे।
ਮਾਣਯੋਗ ਰਾਜਪਾਲ ਸਾਹਬ ਜੀ ਤੁਹਾਡੀ ਮੰਗ ਅਨੁਸਾਰ ਲਓ ਵੀਡੀਓ ਸਬੂਤ ..ਪਹਿਲਾਂ ਤੁਸੀਂ My Government ਕਿਹਾ ਫੇਰ ਵਿਰੋਧੀ ਧਿਰ ਦੇ ਕਹਿਣ ਤੇ ਤੁਸੀਂ ਸਿਰਫ Government ਕਹਿਣ ਲੱਗ ਪਏ..ਜਦ ਮੈਂ ਤੁਹਾਨੂੰ ਸੁਪਰੀਮ ਕੋਰਟ ਦੇ ਆਦੇਸ਼ ਬਾਰੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਜੋ ਲਿਖਿਆ ਹੈ ਓਹੀ ਬੋਲਣਾ ਪਵੇਗਾ ਤਾਂ ਤੁਸੀ ਮੈਨੂੰ ਸਹੀ ਠਹਿਰਾਉਂਦੇ ਹੋਏ MY Government ਕਹਿਣ… pic.twitter.com/TmtvGplIl0
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) June 12, 2023
'आपने सबूत मांगा था, ये लीजिए सबूत'
मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में यह वीडियो डालते हुए कहा कि "आपने सुबूत मांगा था, यह लीजिए सुबूत... पहले आपने मेरी सरकार कहा, फिर विपक्ष के कहने पर आप सरकार कहने लगे। जब मैंने आपसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में कहा कि जो लिखा है वही बोलना पड़ेगा तो आपने मुझे सही ठहराते हुए मेरी सरकार कहना शुरू किया। राज्यपाल साहिब मैं तथ्यों के बिना नहीं बोलता।"
राज्यपाल आज चंडीगढ़ में यूटी प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद मीडिया कर्मियों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि मैंने उन्हें दस पत्र लिखे हैं जिसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है। हालांकि, इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें कहा कि उन्हें राज्यपाल की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब देना ही होगा।
'मुख्यमंत्री भ्रम में न रहें'
उन्होंने कहा कि मैं छोटी से छोटी बात याद रखता हूं, मुख्यमंत्री भ्रम में न रहें। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मुख्मयंत्री के उन आरोपों को भी खारिज किया जिसमें भगवंत मान ने कहा था कि वह पंजाब सरकार के खिलाफ बोलते हैं। राज्यपाल ने कहा कि "अगर मैंने अपनी सरकार के खिलाफ एक बार भी बोला हो तो वह रिकॉर्ड पेश करें।"
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है राज्यपाल और CM का विवाद
ज्ञात हो कि मार्च महीने में जब बजट सत्र बुलाया जाना था तो राज्यपाल ने कहा था कि जब तक मुख्यमंत्री उनके पत्रों का जवाब नहीं देते तब तक सत्र नहीं बुलाएंगे। सरकार ने राज्यपाल के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से कहा कि वह अपने अपने पद की मर्यादा का खयाल रखेंगे। जहां सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल से बजट सत्र को बुलाने को कहा, वहीं मुख्यमंत्री से भी कहा कि राज्यपाल संविधानिक तौर पर प्रमुख हैं और उनके द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देने के लिए सरकार बाध्य है।

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