पंजाब सरकार का फैसला, अब पेंशन नीति में होगा बदलाव
यह फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक में लिया गया। ...और पढ़ें

जेएनएन, चंडीगढ़। नीले कार्ड की तरह कांग्रेस सरकार अब पेंशन नीति में बदलाव करने जा रही है। एक तरफ पेंशन लाभपात्री का पुन: सर्वेक्षण किया जाएगा तो वहीं, पेंशन के लिए नए फार्म को भरना पड़ेगा। नई नीति में सत्यापित दस्तावेज में राशन कार्ड को हटा कर आधार को जोड़ दिया गया है।
इसके अलावा अब जमीन की मलकियत का भी विवरण देना होगा। यही नहीं, अगर कोई गलत विवरण देता है तो सत्यापित करने वाले के विरुद्ध मामला भी दर्ज किया जाएगा। यह फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक में लिया गया।
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बैठक में फैसला हुआ कि लाभपात्रियों का सर्वेक्षण किया जाएगा जिसे आटा-दाल स्कीम के चल रहे सर्वेक्षण के साथ भी जोड़ा जा सकता है। पेंशन के लिए नया फार्म तैयार होगा जोकि मौजूदा पेंशनरों सहित सभी पेंशनरों द्वारा भरा जाएगा। नए मापदंडों के अनुसार पेंशन का लाभ लेने के इच्छुक को भूमि की मालकी को पटवारी द्वारा सत्यापित किया जाएगा। सत्यापित करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। आवेदन देने वाले को स्व:घोषणा पत्र देना होगा।
मौजूदा प्रणाली में शहरी पेंशनर होने की सूरत में म्यूनिसिपल काउंसलर द्वारा सत्यापित करने की व्यवस्था है। जबकि देहाती क्षेत्रों में दो पंचायत सदस्यों द्वारा या एक पंचायत सदस्य और एक सरपंच, नंबरदार, ब्लॉक समिति सदस्य, जिला परिषद् चेयरपर्सन या सदस्य द्वारा सत्यापित किया जाता है। बैठक के दौरान यह भी फैसला किया गया कि जिला सामाजिक सुरक्षा कार्यालय द्वारा सभी आवेदन प्राप्त किए जाएंगे और एक महीने के भीतर आवेदन मंजूर या रद होने संबंधी आवेदक को सूचित कर दिया जायेगा।
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जून के अंत तक भरना होगा फार्म
सभी लाभपात्रियों को जून के अंत तक नया फार्म भर देना पड़ेगा, लेकिन यह इसी साल अप्रैल से लगातार पेंशन प्राप्त करने के लिए योग्य होंगे। नए नियमों पर बैठक के दौरान व्यक्त सहमति के अनुसार उपायुक्त, एसडीएम, डीएसएस आदि द्वारा बेतरतीब ढंग से 5 प्रतिशत की चेकिंग की जायेगी।
दोगुनी राशि वसूली जाएगी
बैठक में तिमाही पेंशन प्रणाली लागू करने का फैसला लागू किया गया है। जांच के दौरान यदि आवेदक अयोग्य पाया गया तो उसके केस की सिफारिश या सत्यापित करने वाले से दोगुनी राशि वसूली जायेगी। यह वसूली एरियर ऑफ लैंड रेवेन्यू एक्ट तहत की जायेगी।
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6 माह से नहीं मिली है पेंशन
राज्य में 20 लाख पेंशन लाभपात्रियों को छह माह से पेंशन नहीं मिली है। कांग्र्रेस ने 500 रुपये पेंशन को 2000 रुपये करने का चुनाव में वायदा किया था। बैठक में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जब तक सर्वेक्षण पूरा नहीं होता तब तक वर्तमान लाभपात्रियों को पेंशन का लाभ मिलता रहेगा। साथ ही उन्होंने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को बजट में इस संबंध में प्रावधान करने को भी कहा।
बैठक में ये थे शामिल
बैठक में वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल, सामाजिक सुरक्षा मंत्री रजिया सुल्ताना, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, सामाजिक सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसके संधू, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अनिरूद्ध तिवाड़ी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव तेजवीर सिंह एवं विशेष प्रधान सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह आदि उपस्थित थे।

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