Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाएगी पंजाब सरकार, जानिए क्यों सीएम मान ने लिया यह फैसला

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 10:46 PM (IST)

    पंजाब सरकार 10 और 11 जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है जिसमें धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामलों में कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए विधेयक लाया जा सकता है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सर्व धर्म बेअदबी रोको कानून मोर्चा को ऐसा आश्वासन दिया था। सरकार इस मुद्दे पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है।

    Hero Image
    विधानसभा का 10 और 11 जुलाई को विशेष सत्र बुलाएगी पंजाब सरकार। फाइल फोटो

    इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब सरकार 10 और 11 जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है। हालांकि अभी इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन पता चला है कि फाइल तैयार करके मुख्यमंत्री के पास भेज दी गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पार्टी स्तर पर विशेष सत्र बुलाने को लेकर लंबी चर्चा हो चुकी है। विशेष सत्र बुलाने की अनुमति के लिए सात जुलाई को सरकार ने कैबिनेट की बैठक भी बुला ली है। यह सत्र किस लिए बुलाया जा रहा है इसको लेकर भी अटकलें ही लगाई जा रही हैं।

    उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों के पास भी इसकी कोई जानकारी नहीं है। इस बात के क्यास लगाए जा रहे हैं कि राज्य सरकार धार्मिक ग्रंथों या पवित्र ग्रंथों की बेअदबी के कृत्यों के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए बिल लाने जा रही है।

    पिछले हफ्ते ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने आवास पर सर्व धर्म बेअदबी रोको कानून मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में उन्हें यह आश्वासन दिया था और कहा था कि राज्य सरकार बेअदबी की घटनाओं के अपराधियों के लिए अनुकरणीय सजा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानून बनाएगी।

    दरअसल समाणा में गुरजीत सिंह नाम का एक व्यक्ति इसी मांग को लेकर अक्टूबर 2024 से टंकी पर चढ़कर बैठा है। उसकी मांग है कि सरकार धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी करने वाले लोगों को मौत की सजा का प्रविधान करे। जानकारों का मानना है कि सरकार इसको लेकर चिंता में है लेकिन पार्टी स्तर पर इसका राजनीतिक लाभ लेने की भी कोशिश की जाएगी।

    इसीलिए इसका आर्डिनेंस जारी न करके सरकार सत्र बुलाने जा रही है। जिस तरह से शिरोमणि अकाली दल लैंड पूलिंग पालिसी को लेकर 14 जुलाई से सरकार को घेरने का प्रयास कर रहा है। उसकी काट के रूप में सरकार धार्मिक ग्रंथों का अपमान करने वालों के खिलाफ सख्त कानून लाने जा रही है।

    दिलचस्प बात यह है कि 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की हुई बेअदबी की घटनाओं के चलते ही अकाली दल को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था और वह नफरत आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है। काबिले गौर है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के दौरान भी धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी को लेकर दो विधेयक पारित किए थे लेकिन ये अभी भी केंद्र सरकार के पास लंबित हैं।

    केंद्र ने बेअदबी के आरोपितों को आजीवन कारावास देने के लिए भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में पंजाब के संशोधनों को कठोर सजा करार दिया था। मान ने दोनों विधेयकों पर राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त करने के लिए 2023 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था।

    मुख्यमंत्री ने सर्व धर्म सभा के दौरान कहा था कि सरकार सख्त सजाओं का प्रविधान करने के लिए प्रमुख कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करेगी ताकि एक मजबूत राज्य कानून बनाया जाए।

    उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार कानून का मसौदा तैयार करने में धार्मिक संगठनों सहित सभी हितधारकों से परामर्श करेगी। सीएम का मानना है कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) धार्मिक स्थलों के संबंध में स्पष्ट प्रविधान प्रदान करती है, लेकिन यह पवित्र ग्रंथों पर चुप है।