युवा वैज्ञानिकों और शिक्षकों को ग्लोबल मंच पर रिसर्च का मौका, पूरा खर्चा उठाएगी पंजाब सरकार
पंजाब सरकार ने 'यंग साइंटिस्ट्स ट्रैवल असिस्टेंस स्कीम' शुरू की है, जिससे राज्य के युवा वैज्ञानिकों को अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने का मौका मिलेगा। 45 वर्ष से कम आयु के वैज्ञानिक, जिनके पास कम से कम दो प्रकाशन हैं, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। उन्हें 15000 तक की यात्रा सहायता मिलेगी, जिससे वे वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक विकास से जुड़ सकेंगे।
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युवा वैज्ञानिकों और शिक्षकों को ग्लोबल मंच पर रिसर्च का मौका। फोटो जागरण
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित और मजबूत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने एक क्रांतिकारी और ऐतिहासिक कदम उठाया है।
यंग साइंटिस्ट्स ट्रैवल असिस्टेंस स्कीम की शुरुआत के साथ सरकार ने राज्य के प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए वैश्विक मंच के दरवाजे खोल दिए हैं। यह दूरदर्शी पहल पंजाब में विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नई ऊर्जा भरने का काम कर रही है, जिससे राज्य के युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की स्पष्ट इच्छा दिखाई देती है।
पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (PSCST) द्वारा STEM आउटरीच प्रोग्राम के तहत संचालित यह स्कीम, इस बुनियादी चुनौती को संबोधित करती है कि कई प्रतिभाशाली शोधकर्ता केवल आर्थिक सीमाओं के कारण विश्व की सर्वश्रेष्ठ कॉन्फ्रेंसेज़ और रिसर्च प्लेटफॉर्म तक नहीं पहुंच पाते।
मान सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है: पंजाब का कोई भी युवा वैज्ञानिक सिर्फ पैसों की कमी के कारण पीछे न रह जाए। यह योजना विशेष रूप से राज्य के कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों में कार्यरत 45 वर्ष से कम आयु के योग्य वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों और शिक्षकों के लिए है, जिनके पास पीयर-रिव्यू वाली पत्रिकाओं में न्यूनतम दो प्रकाशन होना अनिवार्य है।
यह सहायता युवा वैज्ञानिकों को देश और विदेश में आयोजित होने वाले महत्वपूर्ण शैक्षणिक और वैज्ञानिक आयोजनों, जैसे कि कॉन्फ्रेंस, सेमिनार, सिम्पोज़िया, कार्यशालाओं, अल्पकालिक स्कूल/पाठ्यक्रम/प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने या अपने शोध पत्र प्रस्तुत करने में सक्षम बनाएगी।
योजना के अंतर्गत, प्रतिभागियों को अधिकतम ₹15,000 तक की ट्रैवल असिस्टेंस प्रदान की जाएगी, जिसमें हवाई किराए या रखरखाव भत्ते का 50 प्रतिशत और पंजीकरण फीस शामिल है।
यह सहयोग युवा वैज्ञानिकों को दुनिया भर में हो रहे नवीनतम वैज्ञानिक विकास और तकनीकी रुझानों से परिचित होने, ज्ञान का आदान-प्रदान करने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग स्थापित करने का अवसर देगा। यह कदम पंजाब की वैज्ञानिक और तकनीकी प्राथमिकताओं के अनुरूप अनुसंधान को बढ़ावा देगा।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इस योजना को पंजाब की प्रगतिशील सोच का प्रतीक बताया है। उनके अनुसार, अब समय आ गया है कि पंजाब के युवा भी विश्वस्तरीय वैज्ञानिक चर्चा का हिस्सा बनें और अपनी शोध को दुनिया के सामने रखें।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार युवा शक्ति और वैज्ञानिक प्रगति में दृढ़ विश्वास रखती है। यह स्कीम केवल एक वित्तीय मदद नहीं है, बल्कि हमारे युवा शोधकर्ताओं के सपनों को उड़ान देने का माध्यम है।"
मान सरकार लगातार यह साबित कर रही है कि विकास का अर्थ सिर्फ सड़कें और इमारतें नहीं, बल्कि युवाओं के भविष्य को सुरक्षित और मजबूत बनाना भी है। पहले जहां सरकारी योजनाएँ अक्सर कागज़ों तक सीमित रहती थीं, वहीं अब पंजाब में वास्तविक और दृश्यमान परिवर्तन दिखाई दे रहा है।
यह योजना स्पष्ट संदेश देती है कि पंजाब का युवा अब पीछे नहीं रहने वाला। यह पहल न केवल रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देगी, बल्कि पंजाब की नई पीढ़ी को उच्च स्तर पर सोचने, सीखने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने का मौका भी देगी।
पंजाब के मतदाता यह महसूस कर रहे हैं कि राज्य में एक ऐसी सरकार कार्यरत है जो सिर्फ वादे नहीं करती, बल्कि उन पर अमल भी करती है, और यह योजना उसी दिशा में उठाया गया एक मजबूत कदम है जो अवसर, सम्मान और एक उज्ज्वल भविष्य देने के मान सरकार के लक्ष्य को दर्शाती है।
अधिक जानकारी और आवेदन के लिए, आवेदक पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (PSCST), डिपार्टमेंट ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी & एनवायरनमेंट, Govt. of Punjab की आधिकारिक वेबसाइट www.pscst.punjab.gov.in पर जा सकते हैं।

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