मोहाली में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने पर पंजाब सरकार को फटकार, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मोहाली में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के मामले में पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि प्र ...और पढ़ें

मोहाली में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस दिया है। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मोहाली में अवैध कॉलोनियों को कथित रूप से गैरकानूनी तरीके से नियमित करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने चिंता जताते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी करते हुए फटकार लगाई है।
याचिकाकर्ता पुनीत बंसल ने अदालत को बताया कि प्रशासनिक मिलीभगत के चलते कई कॉलोनियों को नियमों के विपरीत नियमित कर दिया गया, जिससे ट्रैफिक अव्यवस्था, जलभराव और अनियोजित निर्माण जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि खरड़ क्षेत्र में स्थित एक कॉलोनी को पंजाब लॉज (स्पेशल प्रोविजन) एक्ट, 2018 के तहत नियमित कर दिया गया, जबकि यह कॉलोनी साफ तौर पर 19 मार्च 2018 की वैधानिक कट-ऑफ तिथि के बाद विकसित हुई थी।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि एक्ट की धारा 5 के तहत कोई भी कॉलोनी या निर्माण, जो कट-ऑफ तिथि के बाद विकसित या जारी रखा गया हो, किसी भी स्थिति में नियमितीकरण के दायरे में नहीं आ सकता। ऐसे में सरकार द्वारा किया गया रेग्युलराइजेशन कानून के सीधे उल्लंघन के समान है।
अदालत को यह भी बताया गया कि संबंधित कॉलोनी की नींव वर्ष 2013 में पड़ी थी, जब भूमि का एक हिस्सा 'मैनेजिंग डायरेक्टर' बताकर एक व्यक्ति को बेचा गया। इस बिक्री के लिए उपयोग किया गया स्टांप पेपर 4 सितंबर 2019 को जारी हुआ था, लेकिन इसे 2012 का दिखाकर बैकडेट किया गया।
आरोप है कि यह बदलाव सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया, ताकि कॉलोनी को कट-ऑफ अवधि के भीतर दर्शाया जा सके और उसे अवैध होते हुए भी नियमित करा लिया जाए।
याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि इस तरह की हेराफेरी के कारण पूरी प्रशासनिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। उन्होंने बताया कि इसी तरह की कई अवैध कॉलोनियों को नियमित किया गया है, जिससे मोहाली में ट्रैफिक जाम, जलभराव और अव्यवस्थित विस्तार की समस्या लगातार बढ़ रही है।

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