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    पराली की समस्या से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने तैयार की 350 करोड़ रुपये की कार्य योजना, ये है पूरा प्लान

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Sun, 02 Jul 2023 06:06 PM (IST)

    पंजाब सरकार ने पराली की समस्या से निपटने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। कृषि एवं कल्याण विभाग ने 350 करोड़ रुपये की कार्य योजना तैयार की है। कृषि मंत्री ने बताया कि फसलों के अवशेष के प्रबंधन के लिए व्यक्तिगत किसानों को 20000 से अधिक मशीनें सब्सिडी पर उपलब्ध करवाई जाएंगी और इसके साथ ही 1000 कस्टम हायरिंग सैंटर भी स्थापित किए जाएंगे।

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    पराली की समस्या से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने तैयार की 350 करोड़ रुपये की कार्य योजना

    चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने सब्सिडी पर पराली प्रबंधन मशीनरी मुहैया करवाने के लिए 350 करोड़ रुपए की कार्य योजना का नक्शा तैयार किया है। इस पहल के अंतर्गत जहां पराली प्रबंधन मशीनों पर सहकारी सभाओं और अन्य समूह 80 फीसद सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं, वहीं दूसरी तरफ व्यक्तिगत किसानों को 50 फीसद सब्सिडी मिल सकेगी।

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    कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि विभाग की तरफ से मौजूदा वर्ष के लिए फंड मुहैया करवाने के लिए 350 करोड़ रुपए की कार्य योजना केंद्र सरकार को भेजी गई है और फसलों के अवशेष के प्रबंधन के लिए व्यक्तिगत किसानों को 20,000 से अधिक मशीनें सब्सिडी पर उपलब्ध करवाई जाएंगी और इसके साथ ही 1000 कस्टम हायरिंग सैंटर भी स्थापित किए जाएंगे।

    सब्सिडी के लिए मांगे आवेदन

    उन्होंने कहा कि विभाग ने खरीफ सीजन 2023 के दौरान विभिन्न फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनरी पर सब्सिडी लेने के इच्छुक किसानों, सहकारी सभाओं, एफपीओज और पंचायतों से आवेदन-पत्रों की मांग की है। इस स्कीम के अंतर्गत इन-सीटू प्रबंधन के लिए सुपर एसएमएस, सुपर सिडर, स्मार्ट सिडर, हैपी सिडर, पैडी स्ट्रॉ चॉपर, शरैडर, मलचर, हाइड्रोलिक रिवर्सिबल मोल्ड बोर्ड प्लो और जीरो टिल्ल ड्रिल और एक्स-सीटू प्रबंधन में बेलर और रैक सब्सिडी पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

    20 जुलाई तक कर सकते हैं आवेदन

    व्यक्तिगत किसानों के लिए उपरोक्त मशीनों पर सब्सिडी की दर उपकरणों की कीमत का 50 फीसदी और सहकारी सभाओं, एफपीओज, पंचायतों के लिए इस स्कीम के दिशा-निर्देशों के अनुसार अधिकतम 80 फीसदी तक रखी गई है। किसान इसके लिए विभाग के पोर्टल पर 20 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं।

    इसके इलावा, विभाग किसानों को फसलों के अवशेष के प्रबंधन के लिए उपलब्ध तकनीकों के बारे जागरूक करने और प्रशिक्षण देने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार मुहिम भी शुरू करेगा क्योंकि पंजाब सरकार राज्य में पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए सक्रियता से कदम उठा रही है। कृषि मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को मशीनों पर सब्सिडी देने की समूची प्रक्रिया में पारदर्शिता यकीनी बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि नियमों के उल्लंघन की सूरत में सख्त कार्रवाई की जाएगी।