पंजाब में करोड़ों की लागत से बनेंगे आधुनिक पंचायत घर और आम सेवा केंद्र, 'रंगला पंजाब' की ओर मान सरकार का एक और कदम
पंजाब सरकार ने रंगला पंजाब के सपने को साकार करने के लिए 125 करोड़ रुपये की लागत से 500 नए आधुनिक पंचायत घर और कॉमन सर्विस सेंटर बनाने की घोषणा की है। ग्रामीण विकास मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने बताया कि 2800 से अधिक आबादी वाले प्रत्येक गांव में ये केंद्र स्थापित होंगे। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फतेहगढ़ साहिब से इस परियोजना का शुभारंभ किया।

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। 'रंगला पंजाब' - ये सिर्फ दो शब्द नहीं, बल्कि हर पंजाबी का सपना है। एक ऐसा पंजाब, जहां हर तरफ खुशहाली हो, विकास हो और हर गांव खुद पर गर्व महसूस करे। इस सपने को साकार करने की दिशा में, पंजाब की मान सरकार ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। 125 करोड़ की लागत से 500 नए आधुनिक पंचायत घर और कॉमन सर्विस सेंटर (आम सेवा केंद्र) बनाने की घोषणा की गई है।
यह सिर्फ ईंटों और सीमेंट की इमारतें नहीं हैं, बल्कि ये गांवों की तकदीर बदलने की नींव हैं। ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने जानकारी देते हुए कहा कि 2,800 से अधिक आबादी वाले प्रत्येक गांव में एक पंचायत घर और एक सामान्य सेवा केंद्र होगा, जो क्रमशः बैठकों और डिजिटल सेवाओं की डिलीवरी के लिए बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करेगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इससे पहले फतेहगढ़ साहिब से इस परियोजना का शुभारंभ किया था | उन्होंने आशा व्यक्त की कि पंचायत घर पंचायतों को एक साथ आने और अपने गांवों की बेहतरी के लिए सामूहिक निर्णय लेने हेतु एक उपयुक्त मंच प्रदान करेंगे।
डिजिटल बुनियादी ढांचे के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, सोंद ने आगे कहा कि सामान्य सेवा केंद्र ग्रामीण नागरिकों के लिए सरकारी योजनाओं के लिए पंजीकरण, शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, आधार कार्ड, पासपोर्ट और कई अन्य सेवाओं को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। एक पंचायत घर के निर्माण की लागत ₹20 लाख होगी, जबकि एक सामान्य सेवा केंद्र ₹5 लाख की लागत से बनाया जाएगा।
यह परियोजना सिर्फ़ सुविधाओं की बात नहीं करती , बल्कि यह गांवों के आत्म-सम्मान को भी बढ़ाती है। जब गांवों में आधुनिक सुविधाएं और साफ-सुथरे केंद्र होंगे, तो लोगों को लगेगा कि सरकार उनके विकास के लिए गंभीर है। यह गांवों को 'स्मार्ट' बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मान सरकार का यह फैसला 'रंगला पंजाब' के वादे को पूरा करने की दिशा में एक और मील पत्थर है।
यह दर्शाता है कि सरकार केवल बड़े शहरों पर ही ध्यान केंद्रित नहीं कर रही, बल्कि गांवों के विकास को भी प्राथमिकता दे रही है। यह गांवों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का एक सच्चा प्रयास है। जिससे जमीनी स्तर पर लोकतंत्र मजबूत होगा और ग्रामीण पंजाब सशक्त होगा। मान सरकार की यह पहल यह सुनिश्चित करेगी कि पंचायतों के पास एक सम्मानजनक और आधुनिक जगह हो, जहां वे बैठकर गांव के विकास के लिए योजनाएं बना सकें। यह गांवों में निर्णय लेने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा। यह पंजाब के गांवों के लिए एक नई उम्मीद और गौरव का प्रतीक है।
इससे गांवों में डिजिटल क्रांति आएगी , इन नए पंचायत घरों के साथ-साथ 'कॉमन सर्विस सेंटर' (आम सेवा केंद्र) भी बनाए जा रहे हैं। ये केंद्र गांवों में रहने वाले लोगों के लिए सरकारी सेवाओं, डिजिटल साक्षरता और अन्य ऑनलाइन सुविधाओं को सुलभ बनाएंगे। ये केंद्र ग्रामीणों को शहरों के बराबर सुविधाएं देंगे। यह कदम ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच के डिजिटल अंतर को कम करेगा।
ये केंद्र गांवों में ही सारी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। इससे गांव के लोग आसानी से सरकारी सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे और उनका जीवन सरल हो जाएगा। ये वो केंद्र होंगे जहां गांव के लोग अपने भविष्य की योजना बनाएंगे, जहां उन्हें महसूस होगा कि सरकार उनकी 'अपनी' है। यह कदम 'आप' सरकार की उस सोच को दर्शाता है, जहां विकास सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं, बल्कि हर गांव, हर गली तक पहुंचना चाहिए।
यह परियोजना सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं है, बल्कि यह पंजाब को फिर से उसका गौरव लौटाने का सपना है। यह सपना है कि पंजाब का हर गांव आत्म-निर्भर बने, हर गांव में आधुनिक सुविधाएं हों, और हर गांव का व्यक्ति खुद को सशक्त महसूस करे। मान सरकार का यह फैसला यह दिखाता है कि वे सिर्फ बड़े शहरों के विकास पर ध्यान नहीं दे रहे, बल्कि असली पंजाब, यानी गांवों की तरफ भी देख रहे हैं। यह गांव के लोगों के दिलों में एक नई उम्मीद जगाता है।
मान सरकार का यह एक ऐसा कदम है जो पंजाब को फिर से मुस्कुराता हुआ, आत्मविश्वासी और प्रगतिशील बनाएगा। यह एक नया अध्याय है, जो यह साबित करता है कि पंजाब आगे बढ़ रहा है, और वह भी अपनी जड़ों को मजबूत करते हुए और यह सब मान सरकार की वजह से संभव हो पाया है ,यह एक ऐसा फैसला है जो दर्शाता है कि 'रंगला पंजाब' का सपना शहरों से नहीं, बल्कि हर एक गांव के विकास से शुरू होगा। यह कदम गांवों को केवल रहने की जगह नहीं, बल्कि विकास और प्रगति का केंद्र बनाएगा, जहां लोकतंत्र की जड़ें और भी मजबूत होंगी और हर ग्रामीण को सरकारी सुविधाओं का लाभ उसकी दहलीज पर मिलेगा।
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