पंजाब में नहीं थम रहा पराली जलाने का सिलसिला, SC के ऑर्डर के बाद सख्त सरकार; अमृतसर लिस्ट में सबसे आगे
पंजाब में पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिससे सरकार चिंतित है। अब तक 70 मामले सामने आए हैं और 20 किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई है। करनाल में भी कृषि विभाग ने तीन किसानों पर एफआईआर दर्ज कराई है और जुर्माना वसूला है। कुल मिलाकर 32 किसानों पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। किसान यूनियन इसका विरोध कर रही है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब में पराली जलाने के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पिछले 8 दिनों में पराली जलाने के 70 मामले सामने आए हैं। यह मामले सरकार और प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। पंजाब सरकार ने इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए 20 किसानों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के तहत एफआईआर दर्ज की है, जो सरकारी आदेशों की अवहेलना से संबंधित है।
किसान यूनियन के अधिकारी किसानों पर जुर्माना लगाने और एफआईआर दर्ज होने की घटनाओं से नाराज हैं और उन्होंने सख्त आंदोलन की चेतावनी दी है।
किसी प्रकार की ढील बर्दाश्त नहीं
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के अनुसार, 15 सितंबर से राज्यभर में पराली जलाने की निगरानी शुरू की गई है। अब तक 70 मामलों में से 42 अमृतसर, 8 पटियाला, 7 तरनतारन, 3 कपूरथला, और अन्य जिलों में दर्ज हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि किसानों को किसी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी और आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दावा कुछ और, वास्तविकता कुछ और
राज्य सरकार ने दावा किया है कि वह किसानों को पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर मशीनें और जागरुकता अभियान उपलब्ध करा रही है, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। किसान आर्थिक तंगी और समय की कमी के कारण पराली जलाने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
32 किसानों पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना
कुल मिलाकर 32 किसानों पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 90 हजार रुपये की वसूली की जा चुकी है। 16 किसानों की जमीनों पर रेड एंट्री कर दी गई है, जिससे वे अपनी जमीन न बेच सकेंगे, न गिरवी रख सकेंगे और न ही इसके बदले बैंक से लोन ले सकेंगे।
हरियाणा के करनाल में भी कृषि विभाग एक्शन मोड में है और अब तक पराली जलाने वाले तीन किसानों पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है और इनसे 30 हजार रुपये जुर्माना भी वसूला जा चुका है।
उप कृषि निदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि किसान जसमेर निवासी गांव कैमला पर गांव मलिकपुर के रकबा के खेतों में धान की पराली में आग लगाने पर, किसान दिनेश कुमार निवासी फुरलक व किसान विक्की पुत्र राजकुमार निवासी गांव बीजना पर धान की पराली में आग लगाने पर वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत धारा 39 व भारतीय न्याय संहिता, 2023 के अंतर्गत धारा 223 के अंतर्गत संबंधित थाना में एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
(पराली को जलाता किसान)
किसान यूनियन कर रही विरोध
पराली जलाने से रोकने के लिए कृषि विभाग ने जिला मुख्यालय समेत सभी ब्लॉकों में कुल 7 कंट्रोल रूम बनाए हैं। उधर, भारतीय किसान यूनियन इसके विरोध में गई है। किसानों का कहना है कि फसल खराब का मुआवजा सरकार दे नहीं रही है, उल्टा किसानों से ही पैसे की वसूली की जा रही है।
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