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    ऑस्ट्रेलिया के स्टडी वीजा के नाम पर पंजाब की युवती से चंडीगढ़ में ठगी, इमिग्रेशन कंपनी के मालिक पर केस

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 07:01 PM (IST)

    चंडीगढ़ में एक इमिग्रेशन फर्म ने पंजाब की एक युवती को ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई का झांसा देकर 11 लाख रुपये ठग लिए। फर्म ने स्टडी वीजा का वादा किया और पैसे लेने के बाद न तो वीजा दिया न ही पैसे वापस किए। पुलिस ने फर्म के मालिक और कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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    सेक्टर 17 में चल रही इमिग्रेशन कंपनी ने युवती से 11 लाख रुपये ठगे।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सेक्टर-17 स्थित एक इमिग्रेशन कंपनी ने पंजाब की एक युवती से ऑस्ट्रेलिया के स्टडी वीजा के नाम पर 11 लाख रुपये हड़प लिए। आरोप है कि कंपनी ने बड़ी-बड़ी बातें कर भरोसा जीता और रकम लेने के बाद न तो वीजा दिलाया और न ही पैसे लौटाए। अब पुलिस ने इमिग्रेशन कंपनी के मालिक और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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    तरनतारन निवासी दलजीत सिंह ने बताया कि उनकी बेटी हरमनप्रीत कौर ने बाहरवीं तक पढ़ाई की है और वह आगे की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना चाहती थी। इस बीच उन्हें इंटरनेट पर वर्ड वीजा एडवाइजरी नाम की फर्म की जानकारी मिली, जिसका मालिक खुशपाल सिंह बताया गया। एजेंसी ने अपने विज्ञापनों और दावों में युवाओं को जल्द विदेश भेजने का भरोसा दिया था। उन्होंने जनवरी 2024 में फर्म से संपर्क किया।

    फर्म की ओर से बताया गया कि स्टडी वीजा की प्रक्रिया शुरू करने के लिए पहले ऑफर लेटर के नाम पर 3,000 रुपये जमा करने होंगे। शिकायतकर्ता ने 20 जनवरी 2024 को 2000 और 1000 रुपये गूगल पे के माध्यम से फर्म को ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उन्हें सेक्टर-17 स्थित आफिस बुलाया गया। 5 फरवरी 2024 को दलजीत सिंह अपनी बेटी हरमनप्रीत कौर के साथ फर्म के सेक्टर-17 आफिस पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात खुशपाल सिंह और मल्लिका सचदेवा नामक महिला कर्मचारी से हुई।

    उन्होंने कहा कि स्टडी वीजा की पूरी प्रक्रिया में लगभग 15 लाख रुपये का खर्च आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उसी दिन 23 हजार रुपये जमा करा दिए जाएं तो वर्क फास्ट ट्रैक पर हो जाएगा, नहीं तो देर लग जाएगी। दलजीत सिंह ने विश्वास करते हुए उसी दिन रकम जमा कर दी। शिकायत में कहा गया है कि 9 फरवरी 2024 से लेकर 10 मई 2024 के बीच परिवार ने कुल 11,11,000 रुपये अलग-अलग किश्तों में आनलाइन ट्रांसफर कर दिए। फर्म ने कई बार ईमेल और काल्स के जरिए भरोसा दिलाया कि वीजा जल्द मिल जाएगा। लेकिन समय बीतने के बाद भी न आफर लेटर मिला और न ही वीजा की कोई प्रक्रिया शुरू हुई।

    दलजीत सिंह ने बताया कि जब उन्होंने बार-बार संपर्क करना शुरू किया तो आरोपितों ने फोन उठाना बंद कर दिए। बाद में जब वह आरोपितों के आफिस पहुंचे तो पाया कि दफ्तर बंद था। इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की शिकायत एसएसपी पब्लिक विंडो सेक्टर-9 में दर्ज करवाई। जांच के बाद केस को सेक्टर-17 थाना पुलिस को सौंपा गया। सेक्टर-17 थाना प्रभारी के अनुसार मामले की जांच के बाद फर्म मालिक खुशपाल सिंह और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और आरोपितों की तलाश की जा रही है।