पंजाब में उद्योगों को बढ़ावा, मान सरकार ने किया 22 तरह की इंडस्ट्री कमेटियां बनाने का एलान; क्या होगा इनका काम?
पंजाब सरकार ने नई औद्योगिक नीति बनाने के लिए 22 सेक्टरों की कमेटियां गठित की हैं। उद्योग मंत्री संजीव अरोड़ा ने बताया कि हर कमेटी में एक चेयरमैन और आठ से दस सदस्य होंगे। इन कमेटियों को अपने-अपने सेक्टर के विचार सरकार को सौंपने के लिए कहा गया है ताकि नई नीति तैयार की जा सके।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने नई औद्योगिक नीति तैयार करने के लिए राज्य भर में लगी हुई 22 तरह की इंडस्ट्री कमेटियां बनाने का फैसला किया है। हर कमेटी में एक चेयरमैन के अलावा आठ से दस सदस्य होंगे।
इन सभी से अपने अपने सेक्टर में लोगों के विचार लेकर सरकार को देने को कहा है ताकि इनके आधार पर सरकार जल्द ही नई औद्योगिक नीति तैयार कर सके। कमेटी को अपनी पहली रिपोर्ट सौंपने के लिए 45 दिनों का समय दिया गया है।
बिजली ड्यूटी में दी गई छूट
उद्योग व वाणिज्य मंत्री संजीव अरोड़ा ने आज यहां मीडिया कर्मियों से बात करते हुए बताया कि जब भी औद्योगिक नीति तैयार की जाती है और उन्हें निवेश के लिए इंसेटिव आदि देने के वादे किए जाते हैं तो यह हर इंडस्ट्री को एक सा लाभ नहीं पहुंचाती। मसलन किसी इंडस्ट्री को बिजली ड्यूटी में छूट दी गई है तो यह केवल उस इंडस्ट्री को फायदा है जिसकी बिजली की खपत ज्यादा है।
कम खपत वाले बिजली सेक्टर को कोई लाभ नहीं होता। इसी प्रकार के अन्य सेक्टर हैं। उन्होंने बताया कि किसी सेक्टर में रोजगार अधिक है तो किसी सेक्टर में जीएसटी ज्यादा है इसलिए सरकार इन सभी को उनकी जरूरतों के अनुसार लाभ देना चाहती है।
टैक्सटाइल उद्योग की बनाई गईं तीन कैटगिरी
संजीव अरोड़ा ने बताया कि केवल टैक्सटाइल उद्योग है जिसे तीन भागों में बांटा गया है और इसकी तीन कमेटियां बनाई गई हैं। इनमें स्पिंनिंग, टैक्सटाइल और डाइंग को अलग अलग रखा गया है। शेष सभी सेक्टरों की एक एक कमेटी होगी।
ये कमेटियां दो सालों के लिए होंगी जो समय समय पर सरकार को अपने विचार , सुझाव देती रहेंगी। उन्होंने बताया कि आईटी, स्पोर्टस, साइकिल उद्योग, इलेक्ट्रिकल व्हीकल, रिन्यूबल एनर्जी, स्टील,फर्नीचर, केमिकल, लाजिस्टिक, पर्यटन, फार्मासुटिकल, यूनिवर्सिटी कोचिंग सेंटर, इलेक्ट्रानिक सिस्टम एंड डिजाइन,फिल्म मीडिया, अस्पताल व हेल्थ केयर, स्टार्टअप, रिटेल आदि इसके अलावा वेयरहाउिसंग सेक्टर पर खास तौर पर ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कई राज्यों में वेयरहाउसिंग के लिए विशेष तौर पर सब्सिडी दी जाती है क्योंकि बिलिंग वहां होने की वजह से उन्हें जीएसटी का लाभ मिलता है।
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