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    बाढ़ से ग्रस्त पंजाब के लिए वित्त मंत्री ने केंद्र से मांगी मदद, 60 हजार करोड़ जारी करने की मांग

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 09:00 AM (IST)

    पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने राज्य में बाढ़ की स्थिति को भयावह बताते हुए केंद्र सरकार से सहायता की मांग की है। उन्होंने कहा कि बाढ़ से लगभग 2000 गांव और चार लाख से अधिक नागरिक प्रभावित हुए हैं और 14 जिलों में 43 मौतें हुई हैं। चीमा ने केंद्र से पंजाब के रोके गए 60 हजार करोड़ रुपये जारी करने की मांग की।

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    वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने शनिवार को राज्य में बाढ़ की स्थिति का मूल्यांकन करते हुए इसे पिछले पांच दशकों की सबसे भयानक बाढ़ बताया। उन्होंने कहा कि बाढ़ से राज्य के लगभग 2,000 गांव प्रभावित हुए हैं। चार लाख से अधिक नागरिक प्रभावित हुए हैं, जबकि 14 जिलों में 43 मौतें हुई हैं।

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    चंडीगढ़ में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए चीमा ने केंद्र सरकार से सहायता की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इस संकट का राजनीतिक फायदा उठाने के बजाय साझा प्रयासों की जरूरत है। चीमा ने बताया कि राज्य के बाढ़ पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार से जब कोई राहत की घोषणा नहीं हुई तो आखिरकार मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 31 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा।

    पत्र में राज्य के लंबित 60,000 करोड़ रुपये से अधिक जारी करने की मांग की। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों के लिए उपयुक्त मुआवजा सुनिश्चित करने हेतु एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के नियमों में संशोधन की भी मांग की थी।

    चीमा ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए केंद्र सरकार को पंजाब के रोके गए 60 हजार करोड़ रुपये तुंरत जारी करने चाहिए ताकि इस पैसे का राज्य के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए प्रयोग किया जा सके। चीमा ने कहा कि इस बाढ़ से राज्य की अर्थव्यवस्था का आधार माने जाने वाले कृषि क्षेत्र को भी भारी नुकसान हुआ है, जिसमें 18 जिलों में 1.72 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है। 

    सीएम के पत्र पर प्रधानमंत्री की चुप्पी की आलोचना वित्त मंत्री ने बाढ़ से हुए नुकसान पर राजनीति करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा लिखे पत्र पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने 25 दिनों बाद भी इस पत्र का जवाब नहीं दिया है।

    उन्होंने हैरानी जताई कि जब तालिबान-शासित अफगानिस्तान को भूकंप राहत के लिए सहायता दी जा रही है, तो पंजाब के लोगों के प्रति वही संवेदना क्यों नहीं दिखाई गई। केंद्र सरकार के रवैये और ठोस सहायता प्रदान न करने पर गहरी निराशा व्यक्त करते हुए पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्री और टीमें बिना किसी राहत पैकेज या वित्तीय सहायता की घोषणा किए केवल फोटो खिंचवाने के अवसरों के लिए राज्य का दौरा कर रही हैं। वित्त मंत्री ने केंद्र के इस दावे को पूरी तरह खारिज किया कि अवैध खनन पंजाब में बाढ़ का कारण है।

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