'बाढ़ के लिए कैबिनेट मंत्री गोयल और कृष्ण कुमार जिम्मेदार', प्रताप सिंह बाजवा ने विधानसभा में उठाई एक्शन की मांग
विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब में बाढ़ के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने जल स्रोत विभाग के मंत्री बरिंदर कुमार गोयल को बर्खास्त करने और प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार गोयल को निलंबित करने की मांग की। बाजवा ने उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से समयबद्ध जांच कराने की भी मांग की और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया।

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब में आई बाढ़ के लिए सीधे रूप से जल स्रोत विभाग के मंत्री बरिंदर कुमार गोयल और विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार गोयल को जिम्मेदार ठहराया। बाजवा ने फ्लोर ऑफ हाउस कहा, बाढ़ के कारणों की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से समयबद्ध जांच कराई जाए।
तब तक गोयल को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए और कृष्ण कुमार को निलंबित किया जाए। बाजवा ने कहा कि सरकार ने पंजाब के लोगों को फुटबाल बनाकर रख दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कह रहे हैं कि सरकार के पास 12,000 करोड़ रुपये पड़े हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान और वित्तमंत्री हरपाल चीमा कह रहे हैं कि 1500 करोड़ रुपये आपदा प्रबंधन कोष में आए हैं।
बाजवा ने सदन में 31 मार्च 2023 को पेश की गई कैग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, इस दौरान सरकार के पास 9041 करोड़ रुपये थे। उन्होंने कहा या तो प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं या मुख्यमंत्री। विपक्ष के नेता ने आशंका व्यक्त की कि सरकार ने इस फैसले को इधर-उधर कर दिया है। उन्होंने कहा, जलस्रोत मंत्री ने दावा किया था कि 8000 किलोमीटर ड्रेनों की सफाई की और न ही बांधों को मजबूत किया गया।
हाउस के अफसर लाबी में कृष्ण कुमार के नहीं होने पर सवाल खड़ा करते हुए विपक्ष के नेता ने कहा, बाढ़ पर प्रस्ताव आ रहा हैं अफसर है ही नहीं। कैबिनेट मंत्री भी इसलिए सदन में हैं क्योंकि उन्होंने प्रस्ताव पेश करना था, अन्यथा यह भी हाउस में नहीं होते। यही नहीं बाजवा ने मंत्री से नदियों के डी-सिल्ट करने के लिए केंद्र को लिखी गई चिट्ठी पेश करने की मांग कर ली।
उन्होंने कहा, बाढ़ के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्य सचिव भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। जब मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि इस बार औसत से ज्यादा वर्षा हो सकती है। इसके बावजूद सरकार ने कोई तैयारी नहीं की। 6 जून को मुख्यमंत्री ने बैठक की और 24 जून से बारिश शुरू हो गई थी।
बाजवा ने कहा सरकार अपनी जिम्मेदारी को केंद्र पर डाल रही है। लेकिन जिन दिन प्रधानमंत्री पंजाब आए उस समय मुख्यमंत्री अस्पताल में भर्ती हो गए। मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नकल कर रहे हैं। कोरोना के दौरान मोदी ने प्रधानमंत्री केयर फंड बनाया तो बाढ़ में मुख्यमंत्री ने रंगला पंजाब सोसायटी बना दी। पंजाब तो कंगला हो गया यह रंगला पंजाब बना रहे हैं।
इसके मंत्री प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए नहीं बल्कि रंगला पंजाब के लिए पैसे मांग रहे हैं। ताकि वह आरटीआई दायरे में न आए। बाजवा ने सदन में ही अपील कर दी कि कोई भी रंगला पंजाब में फंड न जमा करवाए। विपक्ष के नेता ने सरकार से पूछा कि किसानों को मुआवजा कब देंगे। पहले तो मुख्यमंत्री कह रहे थे कि गिरदावरियां बाद में होगी पैसे पहले दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री को बकरी और मुर्गों तक के मुआवजे दे रहे थे अब क्या हो गया।
सरकार बीबीएमबी की बात कर रही है रणजीत सागर डैम तो पंजाब सरकार के ही अंडर में हैं। 24 अगस्त को यहां पर पानी का स्तर 524.79 मीटर था। जबकि इसकी कुल कैपेसिटी 528 मीटर है। पानी को अंत तक रोक कर रखा गया। जिसकी वजह से बाढ़ आई। सरकार बाढ़ के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। कैबिनेट मंत्री बरिंदर कुमार गोयल को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाना चाहिए और कृष्ण कुमार को निलंबित करना चाहिए।
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