पंजाब में बाढ़ के तांड़व ने अब तक ली 39 जानें, लाखों लोग हुए बेघर
पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है जिससे राज्य के सभी 23 जिले प्रभावित हैं और 3.80 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। अब तक 39 लोगों की जान जा चुकी है और फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सरकार राहत और बचाव कार्यों में तेजी से जुटी हुई है और प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब में इस समय बाढ़ ने भयावह रूप धारण किया हुआ है हालांकि आज दिन भर ज्यादा बरसात नहीं हुई है लेकिन तीनों बांधों का स्तर खतरे के निशान के पास है इसलिए अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है।
राज्य सरकार ने इसे अब तक की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा करार दिया है। सरकार की ओर से आज जारी किए गए बुलेटिन में कहा गया है कि पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिसमें 1,6985 गांव पानी में डूब चुके हैं और 3.80 लाख से अधिक लोग इस आपदा की चपेट में हैं।
बुलेटिन में बताया गया है कि अब तक 39 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से सबसे अधिक 7 मौतें होशियारपुर में और 6 मौतेें पठानकोट जिले में दर्ज की गई हैं। इसके अलावा, तीन लोग लापता हैं, और फसलों, मकानों और पशुओं को हुए नुकसान का आकलन अभी जारी है।
बुलेटिन के अनुसार, सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर जैसी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसके कारण पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का, होशियारपुर और जालंधर जैसे जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
भारी बारिश और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों से आने वाले पानी ने स्थिति को और जटिल कर दिया है। बुलेटिन के अनुसार राज्य की 1.58,516 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पर फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। आज केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने खुद बाढ़ग्रस्त इलाकों में जाकर फसलों के नुकसान को देखा।
राहत और बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर चल रहे हैं जिसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार,एनजीओ आदि बढ़ चढ़कर अपना योगदान दे रहे हैं। 211 राहत शिविर लगाकर अब तक 20679 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
एनडीआरएफ, भारतीय सेना, सीमा सुरक्षा बल और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं। 30 से अधिक हेलीकॉप्टर और सैकड़ों नावों के जरिए लोगों को बचाया जा रहा है। सरकार ने 71 करोड़ रुपये की तत्काल राहत राशि जारी की है और प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां भोजन, पानी, दवाइयां और अस्थायी आश्रय की व्यवस्था की गई है।
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