पंजाब: बाढ़ राहत पर केंद्र की कथित अनदेखी के खिलाफ जनहित याचिका दायर, सरकार ने क्या सफाई दी?
पंजाब में बाढ़ से राहत कार्यों में केंद्र सरकार द्वारा कथित अनदेखी के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि केंद्र ने अन्य राज्यों की मदद की लेकिन पंजाब को नहीं। केंद्र सरकार ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि उसने पंजाब को वित्तीय सहायता प्रदान की है और प्रधानमंत्री ने स्वयं स्थिति का जायजा लिया था।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। बाढ़ संकट से जूझते पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार करने मदद के लिए आगे न आने का केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट जगमोहन भट्टी ने कहा कि इस मानसून ने देश के कई राज्यों को बुरी तरह से प्रभावित किया है।
मानसून से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्यों में पंजाब शामिल है जो अभी तक इस जल संकट से उबर नहीं सका है। इस संकट के दौरा में केंद्र सरकार ने अन्य राज्यों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया जबकि पंजाब सरकार से नजरें फेर ली। याची ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र सरकार पंजाब को भारत का हिस्सा ही नहीं मानती है।
इस दौरान भारत सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने याची की दलीलों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से पंजाब के साथ है। संकट के इस दौर में प्रधानमंत्री ने खुद पंजाब का दौरा करके जायजा लिया था। साथ ही पंजाब के लिए 1600 करोड़ की वित्तीय सहायता की घोषणा भी की थी। उन्होंने कहा कि यह याचिका पूरी तरह से आधारहीन है और इसे खारिज किया जाना चाहिए।
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