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    पंजाब में डिजिटल अरेस्ट ठगी का कहर: 2 साल में 1800+ केस, 300 करोड़ से ज्यादा की चपत; IAS-डॉक्टर-जज भी शिकार

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 09:52 PM (IST)

    चंडीगढ़ में, पंजाब में साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं, जिनमें सेवानिवृत्त अधिकारी, डॉक्टर और उद्योगपति जैसे पढ़े-लिखे लोग भी शामिल हैं। साइबर सेल के ...और पढ़ें

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    पंजाब में साइबर ठगी: रिटायर्ड अफसर, डॉक्टर और उद्योगपति भी डिजिटल हाउस अरेस्ट में फंसे।

    रोहित कुमार, चंडीगढ़। पंजाब में साइबर क्राइम की घटनाए अब सिर्फ आम लोगों तक सीमित नहीं रह गई हैं। पिछले दो साल में कई पढ़े-लिखे और प्रभावशाली लोग ठगों के निशाने पर आए हैं। 2023 और 2024 में डिजिटल हाउस अरेस्ट, फर्जी हाउस एड्रेस और फर्जी एजेंसी के नाम पर ठगी के मामले दर्ज हुए, जिनमें रिटायर्ड अफसर, डॉक्टर, उद्योगपति और प्रोफेसर शामिल हैं। पंजाब पुलिस साइबर सेल के आंकड़ों के मुताबिक 2023 में डिजिटल हाउस अरेस्ट के लगभग 600 मामले दर्ज हुए, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 1,200 से अधिक हो गई।

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    कुल ठगी की रकम 300 करोड़ रुपये से ज्यादा अनुमानित है।जांच में यह सामने आया कि ठगों के पास पीड़ितों का पूरा हाउस एड्रेस, परिवार की जानकारी और बैंक डॉ.टा पहले से मौजूद था। डेटा स्रोत में लीक ऐप्स, ई-कामर्स प्लेटफार्म और इंटरनेट मीडिया शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पढ़े-लिखे लोग इसलिए ठगी के शिकार हो रहे हैं क्योंकि वे सिस्टम और कानून पर भरोसा करते हैं। ठग सरकारी भाषा, फर्जी वर्दी और डिजिटल डर का इस्तेमाल कर उन्हें भ्रमित करते हैं।

    अधिकारियों के मुताबिब साइबर ठगी अब लोकल अपराध नहीं रही, बल्कि यह विदेशी नंबरों और दूसरे राज्यों में बैठे संगठित गिरोहों की ओर से संचालित एक सुनियोजित नेटवर्क बन चुकी है। ठग दुबई, कंबोडिया, म्यांमार और नेपाल से आने वाले इंटरनेट कॉल और इंटरनेशनल नंबरों के जरिए पंजाब के लोगों को निशाना बना रहे हैं, जबकि पैसे राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के खातों में ट्रांसफर कराए जा रहे हैं। ठगी का यह नेटवर्क इतना पेशेवर हो चुका है कि थक चुके और दबाव में आए पीड़ितों को यह तक महसूस नहीं होता कि वे किसी अपराध का शिकार हो रहे हैं।

    डिजिटल हाउस अरेस्ट, फर्जी सीबीआई, ईडी अधिकारी, मनी लान्ड्रिंग केस और फर्जी हाउस एड्रेस के नाम पर ठग पहले डर पैदा करते हैं, फिर वीडियो कॉल के जरिए मानसिक कैद में ले लेते हैं। कॉल करने वालों के पास पीड़ित का पूरा पता, मोबाइल नंबर, बैंक डिटेल और पारिवारिक जानकारी पहले से होती है, जिससे कॉल पूरी तरह असली लगती है। यही वजह है कि पंजाब में पिछले दो साल में पढ़े‑लिखे और बड़े पदों पर रह चुके लोग भी इस जाल से नहीं बच पाए।

    अब तक की प्रमुख घटनाएं

    2023 जुलाई: मोहाली में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी आरके वर्मा को ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर वीडियो कॉल पर डिजिटल हाउस अरेस्ट किया। तीन दिन तक उन्हें घर से बाहर न निकलने और किसी से बात न करने का दबाव रखा गया। इस दौरान अलग-अलग खातों में 1 करोड़ 20 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।

    2023 नवंबर: लुधियाना में उद्योगपति संजय गुप्ता को फर्जी प्रवर्तन निदेशालय अधिकारी बनाकर कॉल किया गया। ठगों के पास उनका पूरा हाउस एड्रेस और बैंक डिटेल पहले से मौजूद था। डर दिखाकर उनसे 80 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए गए।

    2024 फरवरी: अमृतसर में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हरप्रीत सिंह को फर्जी पुलिस अधिकारी के नाम पर वीडियो कॉल पर डिजिटल हाउस अरेस्ट किया गया। कॉल के दौरान ठगों ने फर्जी वर्दी और आईडी दिखाकर 45 लाख रुपये ठग लिए।

    2024 जून: जालंधर में प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार शर्मा को तीन दिन तक वीडियो कॉल पर रखा गया और उनसे 25 लाख रुपये की ठगी की गई। ठगों ने कानूनी भाषा और डर का इस्तेमाल किया, जिससे कॉल असली लग रही थी।

    2024 सितंबर: पटियाला में रिटायर्ड जज जस्टिस बीएस ढिल्लों के परिवार को फर्जी ईडी नोटिस भेजा गया। उनके बेटे को वीडियो कॉल पर धमकी दी गई कि संपत्ति जब्त हो जाएगी। डर के माहौल में 60 लाख रुपये ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दिए गए।