पंजाब की 'शिक्षा क्रांति' में अब ग्लोबल ट्रेनिंग; मान सरकार ने 500 से ज्यादा शिक्षकों को भेजा सिंगापुर, फिनलैंड और IIM अहमदाबाद
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब में 'शिक्षा क्रांति' चल रही है, जहाँ शिक्षकों को सिंगापुर, आईआईएम अहमदाबाद और फिनलैंड जैसे स्थानों पर विश्वस्तरीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस पहल से सरकारी स्कूलों में शिक्षण विधियों में सुधार हुआ है, छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ा है, और कैंपस मैनेजरों की नियुक्ति से शिक्षकों का प्रशासनिक बोझ कम हुआ है। यह क्रांति पंजाब को शिक्षा के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बना रही है।

भगवंत मान सरकार ने शिक्षकों को बनाया ‘ग्लोबल एजुकेटर’
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब में शुरू हुई 'शिक्षा क्रांति' अब राज्य की नई पहचान बन रही है। यह क्रांति सिर्फ विद्यार्थियों तक सीमित नहीं है, बल्कि उन शिक्षकों के लिए भी है जो आने वाली पीढ़ियों का भविष्य गढ़ रहे हैं। स्वयं एक शिक्षक के पुत्र होने के नाते, भगवंत मान का मानना है कि 'शिक्षण कोई पेशा नहीं, बल्कि समाज निर्माण का मिशन है।' इसी दृष्टि से सरकार ने शिक्षकों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है।

अब तक पंजाब के 234 प्रिंसिपल और शिक्षा अधिकारी सिंगापुर में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं, जहां उन्होंने आधुनिक शैक्षिक प्रबंधन और नेतृत्व कौशल सीखा। वहीं 152 प्रमुख शिक्षकों को आईआईएम अहमदाबाद में एडवांस्ड कोचिंग दी गई है, जबकि 144 प्राथमिक शिक्षकों ने फिनलैंड की तुर्कू यूनिवर्सिटी से विशेष शिक्षण प्रशिक्षण हासिल किया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि अगला बैच जल्द ही फिनलैंड रवाना होगा, जिससे शिक्षकों की दक्षता और वैश्विक समझ और मजबूत होगी।
इन ग्लोबल ट्रेनिंग कार्यक्रमों का असर पंजाब के सरकारी स्कूलों में साफ दिखाई दे रहा है। कक्षाओं में अब तकनीक आधारित इंटरएक्टिव लर्निंग, विद्यार्थियों से व्यक्तिगत संवाद और सृजनात्मक शिक्षण शैली को अपनाया जा रहा है। इससे छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ा है और वे शिक्षा को अब प्रतिस्पर्धा नहीं, अवसर के रूप में देख रहे हैं।

शिक्षकों को शिक्षण पर पूर्ण रूप से केंद्रित रखने के लिए सरकार ने 1,920 कैंपस मैनेजर नियुक्त किए हैं, जिससे उनका प्रशासनिक बोझ घटा है। यह पहल पंजाब के शिक्षा तंत्र को अधिक प्रभावी, संवेदनशील और भविष्यमुखी बना रही है। आज 'गुरुओं और पीरों की धरती पंजाब' शिक्षा सुधार का नहीं, बल्कि शिक्षा नेतृत्व का राज्य बन रहा है जहां हर शिक्षक ज्ञान का दीपक है और हर विद्यार्थी भविष्य की नई किरण।

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