Punjab News: धान की अधपकी फसल खरीदेगी सरकार? मंडियों में करोड़ों का नुकसान, 16 सिंतबर से शुरू होगी खरीद
पंजाब सरकार ने 16 सितंबर से धान की खरीद शुरू कर दी है जिसका लक्ष्य पराली जलाने की घटनाओं को रोकना है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के अनुसार यह फैसला किसानों को पराली प्रबंधन के लिए अधिक समय देगा। हालाँकि आढ़तियों और शेलर मालिकों ने पहले नमी की अधिकता के कारण खरीद को अक्टूबर तक स्थगित करने का सुझाव दिया था।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पराली का धुआं संभालते-संभालते कहीं अधपकी फसल खरीदकर सरकार करोड़ों के बोझ से न दब जाए। मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेश पर इस बार धान की खरीद पंद्रह दिन पहले यानी 16 सितंबर से शुरू कर दी गई है।
जून में मुख्यमंत्री की आढ़तियों व शेलर मालिकों के साथ बैठक हुई थी जिसमें दोनों वर्गों ने कहा था कि अक्टूबर से पहले धान की खरीद शुरू न करवाई जाए क्योंकि धान में नमी तय मात्रा से कहीं अधिक होगी।
तब मुख्यमंत्री, जो इस बार पराली जलाने की घटनाएं पंजाब में शून्य पर लाना चाहते थे, ने उनसे कहा था-‘कभी तो अच्छा काम हो लेने दिया करो।’ अब यदि सरकार के दबाव में आढ़तियों ने धान की खरीदारी की और शेलरों ने मिलिंग के लिए यह धान उठाया तो करोड़ों का घाटा होना तय है।
अच्छी धूप खिलने से धान की नमी नियंत्रण रहेगी
यह बात जून महीने की है। तब तक यह मानते हुए कि अगस्त के अंत तक वर्षा समाप्त हो जाएगी और सितंबर महीने में धूप अच्छी खिलने से धान की नमी नियंत्रण में रहेगी, खरीद 15 दिन पहले करने का फैसला ले लिया गया।
उसके बाद मुख्यमंत्री मान ने केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री प्रल्हाद जोशी से मिलकर खरीद सीजन 15 से शुरू करने को कहा और तर्क दिया कि इससे किसानों के पास पराली संभालने के लिए पर्याप्त समय होगा लेकिन मानसून ने सारी योजना पर पानी फेर दिया।
इसके बावजूद सरकार ने 16 सिंतबर से धान की खरीद शुरू करने का फैसला नहीं बदला। मानसून अभी भी जाने का नाम नहीं ले रहा है। लगभग हर रोज रुक-रुककर वर्षा होने से फसल पकने में समस्या आ रही है।
ऐसे में धान की कटाई करके सब्जियां लगाने वाले किसानों में अपनी फसल मंडियों में लाने की होड़ लगना तय है।
सब्जियां लगाने वाले किसान धान की हाइब्रिड वरायटी लगाते हैं जो शीघ्र पक जाती है और वे सितंबर में उसे काटकर आढ़तियों को कम भाव में बेच देते हैं। इस बार सरकार ने ही 16 सितंबर से खरीद शुरू कर दी है तो किसानों को तो इसका लाभ हो सकता है पर आढ़तियों के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।
पंजाब सरकार ने इस बार खरीद के लिए 45 हजार करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट केंद्र सरकार से पास करवा ली है जिसमें से 15 हजार करोड़ रुपये सरकार को भेज दिए गए हैं।
सरकार का 175 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य है लेकिन बाढ़ से प्रभावित इलाकों में पैदावार में 10-15 प्रतिशत की कमी की आशंका जताई जा रही है।
खरीद एजेंसियां ही खरीद से हिचकिचाएंगी: आढ़ती एसोसिएशन
आढ़ती एसोसिएशन पंजाब के प्रधान विजय कालड़ा का कहना है कि सरकार ने 16 से खरीद तो शुरू कर दी है लेकिन इसे पूरे सरकारी रेट पर खरीदना मुश्किल होगा।
फसल में नमी अधिक होगी तो खरीद एजेंसियां ही इसे खरीदने से हिचकिचाएंगी और शेलर मालिक इसे लेने में आनाकानी करेंगे। उन्होंने यह मुद्दा धान खरीद के लिए बनी कैबिनेट सब कमेटी व मुख्य सचिव की बैठक में भी उठाया था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।