पंजाब में बंद हुआ ड्राइविंग लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन का काम
फोटो -सरकार ने आरसी और डीएल बनाने वाली कंपनी से करार रद किया -कंपनी ने बंद किया क ...और पढ़ें

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-सरकार ने आरसी और डीएल बनाने वाली कंपनी से करार रद किया
-कंपनी ने बंद किया काम, डाटा की चिंता सता रही ट्रांसपोर्ट विभाग को
-लोगों से 125 करोड़ अतिरिक्त वसूल चुकी थी कंपनी
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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: ट्रांसपोर्ट विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण करने वाली स्मार्ट चिप कंपनी से अपना करार खत्म कर दिया है। पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने 2016 में कंपनी का पांच साल के लिए कांट्रेक्ट रिन्यू किया था, जिसे कांग्रेस सरकार ने खत्म कर दिया है। वहीं, कांट्रेक्ट खत्म होने के साथ ही कंपनी ने अपना कामकाज समेट लिया है, जबकि सरकार ने कंपनी को यह निर्देश दिए थे कि जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होती, तब तक वह काम जारी रखे। वहीं, अब ट्रांसपोर्ट विभाग को डाटा की चिंता सताने लगी है। क्योंकि सारा डाटा कंपनी के पास ही है।
ट्रांसपोर्ट विभाग ने भले ही स्मार्ट चिप प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार को खत्म कर दिया है, लेकिन सात वर्षो में कंपनी ने लोगों से 125 करोड़ रुपये अधिक वसूल किए हैं। अंतरराष्ट्रीय सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. कमल सोई ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि स्मार्ट चिप कंपनी डीएल के लिए 65 और आइसी के लिए 136 रुपये वसूल रही थी, जबकि केंद्र सरकार की कंपनी एनआइसीएसआइ दोनों ही काम महज 45 रुपये में कर रही थी। इस लिहाज से कंपनी ने सात वर्षो में पंजाब के लोगों को 125 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। अत: केवल करार रद होने से काम नहीं चलेगा। अहम बात यह है कि कंपनी का सरकार के पास मात्र 22 करोड़ रुपये ही सिक्योरिटी मनी है। अब सरकार इस पर रोक लगाने पर विचार कर रही है। इसके लिए बाकायदा एक कमेटी का भी गठन किया गया है।
अहम बात यह है कि सरकार के निर्देश के बावजूद कंपनी ने अपना कामकाज बंद कर दिया है और डाटा भी अपने पास ही रखा हुआ है। वहीं, सरकार को डाटा की चिंता सता रही है। कमल सोई कहते हैं कि स्मार्ट चिप विदेश की कंपनी है। वह डाटा का दुरुपयोग भी कर सकती है। वहीं, वैकल्पिक व्यवस्था न होने के कारण पूरे पंजाब में ड्राइविंग लाइसेंस व वाहनों के रजिस्ट्रेशन का काम बंद हो गया है। वहीं, विभाग के अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।
डाटा रिकवर करने व काम को सुचारू करने के लिए बनाई कमेटी
ट्रांसपोर्ट विभाग ने स्मार्ट चिप कंपनी से डाटा रिकवर करने व डीएल व रजिस्ट्रेशन का काम को सुचारू करने के लिए 10 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता प्रोजेक्ट मैनेजर कम सचिव करन सिंह करेंगे। उनके साथ डिप्टी कंट्रोलर (वित्त व लेखा) पलविंदर सिंह, दविंदर कुमार, सुरिंदर कुमार, भगत सिंह, प्रेम कुमार, भूपिंदर सिंह, सुखजीत सिंह, नरैणबीर और मनमोहन लूथरा शामिल है।
आज से सुचारू होगा काम
ट्रांसपोर्ट विभाग के प्रोजेक्ट मैनेजर कम सचिव करन सिंह का कहना है कि बुधवार को कंपनी के सीनियर अधिकारियों व स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बलविंदर सिंह धारीवाल के साथ बैठक हुई। इस समस्या का हल निकाल लिया गया है। कंपनी वीरवार से से ड्राइविंग लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन का काम शुरू कर देगी।

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