पंजाब में घरेलू उपभोक्ताओं का बिल शून्य फिर भी बिजली क्षेत्र में लिखी विकास की नई गाथा
मुख्यमंत्री मान की अगुवाई में दिसंबर 2022 से शुरू की गई पछवाड़ा कोयला खदान राज्य के थर्मल प्लांटों को कोयले की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही ...और पढ़ें

डिजिटल टीम, चंडीगढ़। पंजाब में 90 फीसदी घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य होने के बावजूद मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार बिजली के क्षेत्र में नई गाथाएं लिख रही है। पंजाब सरकार ने न सिर्फ लोगों को प्रति माह 300 यूनिट फ्री बिजली लेकर आम लोगों को राहत दी है बल्कि जीवीके पावर से गोइंदवाल पावर प्लांट को 1080 करोड़ रुपये की लागत से खरीदने के ऐतिहासिक कदम भी उठाया है। भारत में एक राज्य सरकार द्वारा एक निजी पावर प्लांट खरीदने की यह पहली घटना है। यही नहीं इस थर्मल प्लांट का लोड फैक्टर बीते साल के दौरान 35 प्रतिशत से बढ़ाकर 77 प्रतिशत कर दिया गया, जिससे इसकी बिजली उत्पादन क्षमता दोगुनी हो गई।
यही नहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में दिसंबर 2022 से शुरू की गई पछवाड़ा कोयला खदान राज्य के थर्मल प्लांटों को कोयले की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल, 2024 से 1277 रैक के माध्यम से इस खदान से कुल 50.84 लाख मीट्रिक टन कोयले की प्राप्ति हुई, जिसकी लागत कोल इंडिया लिमिटेड की तुलना में 11 करोड़ रुपये प्रति 1 लाख मीट्रिक टन सस्ती है। इसके परिणामस्वरूप राज्य को इस वित्तीय वर्ष के दौरान 593 रुपये की बचत हुई। मुख्यमंत्री भगवंत मान कहते हैं कि पंजाब सरकार के ठोस प्रयासों से दिसंबर, 2022 में शुरू हुई इस खदान से अब तक 93.87 लाख मीट्रिक टन कोयला प्राप्त किया गया है जिससे कुल 1000 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

यही नहीं, ग्रीन ऊर्जा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, पंजाब सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा में महत्वपूर्ण निवेश किया है। 1 अप्रैल से 30 नवंबर 2024 तक, विभाग ने 2.52 और रु. 2.53 प्रति यूनिट की औसत दरों पर 1454 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। मार्च 2022 में सत्ता संभालने के बाद पंजाब सरकार ने 3704 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए समझौते किए हैं, जिनकी औसत दर 2.33 रुपये से 2.76 रुपये प्रति यूनिट है। इसके अलावा राज्य भर में 430 मेगावाट रूफटॉप सोलर लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने 900 मेगावाट हाइब्रिड पावर (सौर और पवन ऊर्जा) के लिए भी 3.22 रुपये से 3.28 रुपये प्रति यूनिट की औसत दर पर समझौते सार्थक किए हैं।

इन पहलों के चलते ही मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने राज्य के घरेलू उपभोक्ताओं को हर दो महीने में 600 यूनिट मुफ्त बिजली (या 300 यूनिट प्रति महीना) सफलतापूर्वक मुहैया करवाई है। बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने और वितरण को बेहतर बनाने के लिए किए गए प्रयासों का खुलासा करते हुए कहा कि साल 2024 में राष्ट्रीय ग्रिड से बिजली प्राप्त करने के लिए ट्रांसमिशन क्षमता को 9000 मेगावाट से बढ़ाकर 9800 मेगावाट किया गया, जो कि 2022 में 7100 मेगावाट की क्षमता के मुकाबले एक महत्वपूर्ण वृद्धि है।
राज्य सरकार द्वारा 5 नए 66 केवी सब-स्टेशन चालू किए गए और 14 पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता का विस्तार करके 66 केवी ट्रांसमिशन में 780 मेगावाट का वृद्धि की गई। इसी के साथ 27 किलोमीटर लंबी 66 केवी ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ी गईं और 400 केवी, 220 केवी या 132 केवी के 28 पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई गई या नए ट्रांसफार्मर लगाए गए, जिससे इस ट्रांसमिशन क्षमता में कुल 2591 एमवीए का वृद्धि हुई। उन्होंने बताया कि 400 केवी, 220 केवी या 132 केवी सब-स्टेशनों के साथ 131 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ी गई हैं। उन्होंने कहा कि रोपड़ में एक नया 400 केवी सब-स्टेशन चालू किया गया है और गुरदासपुर में 132 केवी सब-स्टेशन को 220 केवी क्षमता तक अपग्रेड किया गया है।

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