CBI के जाल में कैसे फंसा पंजाब का करोड़पति DIG भुल्लर, जानें मिनट टू मिनट की कार्रवाई
पंजाब पुलिस के निलंबित डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर और उसके सहयोगी कृष्णु शारदा के खिलाफ सीबीआई ने रिश्वत के आरोप में चार्जशीट दायर की है। सीबीआई ने बताया ...और पढ़ें

16 अक्टूबर को सीबीआई ने भुल्लर को गिरफ्तार किया था।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। रिश्वतखोरी में गिरफ्तार करोड़पति व पंजाब पुलिस के निलंबित डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर और उसके सहयोगी व बिचौलिये कृष्णु शारदा के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दायर कर दी है। भुल्लर अपने गिरफ्तारी को गलत बता रहे हैं तो सीबीआई ने पूरी कहानी बताई है कि कैसे ट्रैप लगाया गया था।
सीबीआई ने 16 अक्टूबर को आरोपितों को पकड़ने के लिए जो जाल बिछाया था, उसकी कहानी भी बेहद दिलचस्प है। सबसे पहले कृष्णु शारदा को सीबीआई ने सेक्टर 21 की मार्केट से पकड़ा था। सीबीआई ने भीड़ भाड़ वाली मार्केट में यह ट्रैप लगाया था, लेकिन किसी को इस बारे में खबर नहीं लगने दी और टीम चुपचाप उसे वहां से निकाल लाई।
जाने क्या-क्या हुआ उस दिन
16 अक्टूबर सुबह 10:40 बजे सीबीआई टीम ने कार्रवाई शुरू की। शिकायतकर्ता आकाश बत्ता, ट्रैप लेइंग ऑफिसर इंस्पेक्टर सोनल मिश्रा, स्वतंत्र गवाहों तथा पूरी ट्रैप टीम के साथ सीबीआई कार्यालय से निकले। शिकायतकर्ता अपनी टोयोटा फॉर्च्यूनर में आगे चल रहे थे जबकि बाकी टीम अलग-अलग वाहनों में पीछे चल रही थी।
सेक्टर-21 मार्केट में रिश्वत की डील
करीब 10 मिनट बाद टीम सेक्टर-21 मार्केट पहुंची, जहां बिचौलिया कृष्णु शारदा शिकायतकर्ता से मिलने पहले से मौजूद था। सीबीआई टीम ने कृष्णु की नजर से दूर पोजिशन ले ली और फिर सिग्नल का इंतजार करने लगे।
शिकायतकर्ता की कार में बैठा कृष्णु
कुछ देर बाद कृष्णु शिकायतकर्ता की कार में बैठ गया और वह बातचीत करने लगे। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह आठ लाख रुपये का इंतजाम नहीं कर सका। उसके पास अभी पांच ही हैं।
11:08 बजे मिला सिग्नल
लगभग 11:08 बजे शिकायतकर्ता ने पांच लाख रुपये से भरा बैग कृष्णु को पकड़ा दिया यानी रिश्वत की डिलीवरी हो गई। इतने में शिकायतकर्ता ने दूर बैठी सीबीआई की टीम को सिग्नल दे दिया। सिग्नल मिलते ही सीबीआई की टीम कार के पास पहुंच गई और घेराबंदी कर ली।
कृष्णु को कार से गिरफ्तार किया
कृष्णु को वहीं कार से गिरफ्तार कर लिया गया। शिकायतकर्ता ड्राइवर सीट पर था और आरोपी कृष्णु साथ वाली सीट पर बैठा मिला। सीबीआई ने उसे ट्रैप के बारे में बताया और उससे पूछा कि क्या यह रिश्वत की रकम भुल्लर के लिए थी। कुछ क्षण चुप रहने के बाद उसने स्वीकार किया कि हां, उसने भुल्लर के निर्देश पर ही रकम ली है।
भुल्लर फीस लेकर ही काम करता है
सीबीआइ ने आकाश बत्ता, कृष्णु और भुल्लर के बीच हुई बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया। रिकॉर्डेड बातचीत में साफ सुना गया कि कैसे शिकायतकर्ता एफआईआर रद करवाने और कार्रवाई रोकने के लिए रकम दे रहा था और कृष्णु खुले तौर पर कह रहा था कि भुल्लर फीस लेकर ही यह काम करते हैं।
भीड़ के कारण आरोपित को CBI ऑफिस लाया गया
सेक्टर-21 में दिवाली की भीड़ को देखते हुए बाकी कार्रवाई सीबीआई ऑफिस में की गई। वहीं आरोपी के दोनों हाथों की धुलाई (सोडियम कार्बोनेट टेस्ट) की गई जिसमें रंग बदलने से रिश्वत लेने की पुष्टि हुई।
भुल्लर भी गिरफ्तार, कार्यालय की तलाशी
इसी बीच इंस्पेक्टर सोनल मिश्रा की टीम ने मोहाली पहुंचकर भुल्लर को उनके कार्यालय से गिरफ्तार किया। उनके वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई और उनके कार्यालय की तलाशी के आदेश जारी किए गए। भुल्लर की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने भुल्लर के सेक्टर 40 स्थित घर से साढ़े सात करोड़ कैश, ढाई किलो सोना और काफी लग्जरी सामान बरामद किया था।

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