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    पंजाब की केंद्र सरकार से मांग, भारत-पाक सीमा पर 200 मीटर आगे खिसकाई जाए कंटीली तार, बताया फायदा

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Fri, 28 Oct 2022 10:50 AM (IST)

    पंजाब के सीएम भगवंत मान ने केंद्र सरकार से भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगी कंटीली तार को 200 मीटर और आगे खिसकाने की मांग की है। भगवंत मान ने कहा कि इससे कि ...और पढ़ें

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    पंजाब के सीएम भगवंत मान की फाइल फोटो।

    आनलाइन डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को राज्य में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगी कंटीली तार के कारण किसानों को पेश आ रही मुश्किलों पर विचार करने की मांग की है। 

    गृह मंत्रियों की राष्ट्रीय कांफ्रेंस में भगवंत मान ने अमित शाह को कंटीली तार और असल सरहद के बीच दूरी को घटाने की मांग की। इससे तार के पार अपनी जमीन पर खेती करने वाले किसानों को सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह दूरी मौजूदा एक किलोमीटर के बजाय 150-200 मीटर तक घटा दी जाए, जिससे सरहदी क्षेत्र के किसानों को इसका लाभ मिल सके। भगवंत मान ने कहा कि इससे एक ओर भूमि का सही प्रयोग सुनिश्चित होगा और दूसरी ओर देश की सुरक्षा भी मजबूत होगी।

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    पठानकोट में बने एनएसजी का क्षेत्रीय केंद्र

    एक अन्य मुद्दे को उठाते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पठानकोट में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) का क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पठानकोट एयरबेस पर हमले के दौरान गुरुग्राम से एनएसजी को रवाना किया गया था, जिसमें काफी समय लगा था। भगवंत मान ने कहा कि पठानकोट में एनएसजी केंद्र की स्थापना से पूरे उत्तरी क्षेत्र में आतंकवाद की गतिविधियों का प्रभावशाली ढंग से मुकाबला करने में मदद मिलेगी।

    पंजाब में 553 किमी की अंतरराष्ट्रीय सीमा

    पंजाब के साथ 553 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा लगने के कारण इसको संवेदनशील राज्य बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सुरक्षा कारणों के मद्देनजर राज्य को मौजूदा कैटागरी-बी के बजाय कैटागरी-ए में शामिल करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब, सरहदी राज्य होने के नाते सुरक्षा कारणों से ए श्रेणी में विचारा जाना चाहिए।

    ड्रोन की घुसपैठ से आतंक का खतरा

    उन्होंने कहा कि पंजाब को जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर-पूर्वी राज्यों के बराबर समझा जाना चाहिए, क्योंकि सरहद पार से ड्रोन की घुसपैठ से आतंकवाद का खतरा है। भगवंत मान ने कहा कि कैटागरी-ए राज्य होने के नाते पंजाब को केंद्र और राज्य के दरमियान 90:10 की हिस्सेदारी के अनुपात के मुताबिक वित्तीय सहायता मिलनी चाहिए, जबकि कैटागरी-बी के अंतर्गत राज्यों के लिए 60:40 की हिस्सेदारी के अनुपात पर वित्तीय सहायता की व्यवस्था है।

    बीएडीपी स्कीम का फंड जारी हो

    मुख्यमंत्री ने बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (बीएडीपी) स्कीम के अंतर्गत बकाया फंड जारी करने की भी अपील की। उन्होंने दुख प्रकट किया कि यह फंड पिछले दो वित्तीय वर्षों (2020-21 और 2021-22) से नहीं बाँटे गए। भगवंत मान ने कहा कि इस कारण राज्य में कोई भी नया प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ है और चल रहे प्रोजैक्टों में भी कठिनाई आ रही है।

    एमओपीएफ फंड खर्च करने की छूट मिले

    एक अन्य मुद्दे पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण (एमओपीएफ) फंडों के संबंध में राज्य को छूट देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस समय पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण के लिए स्कीम के अंतर्गत कैटागरी-बी राज्यों के लिए (2014-15 से) निर्माण कार्यों और वाहन के संचालन के लिए फंड बंद कर दिए गए हैं। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब को एमओपीएफ फंड खर्च करने की छूट और निर्माण एवं वाहन के लिए खर्च करने की इजाजत दी जानी चाहिए।

    50 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड की डिमांड

    मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए स्वीकृत की गई 24 करोड़ रुपये की प्रांतीय कार्य योजना को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री के दखल की भी मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में सुरक्षा के संवेदनशील हालात के मद्देनजर राज्य को 50 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड दिए जाएं, जिससे सरहदी पुलिस थानों, सुरक्षा की दूसरी लाईन और ख़ुफिय़ा बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सके।

    नशे के खिलाफ जीरो टालरेंस नीति

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सुरक्षा के लिहाज से बहुत सी चुनौतियां उभर रही हैं और पंजाब सरकार बीएसएफ और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ तालमेल से इनका समाधान करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि मार्च, 2022 से पंजाब सरकार ने नशों के प्रति जीरो टालरेंस की नीति अपनाई हुई है और पंजाब में नशा तस्करी के विरुद्ध कई निर्णायक कदम उठाए गए हैं और सख्तत कार्रवाई की जा रही है। भगवंत मान ने बताया कि अब तक 8,711 एफआइआर दर्ज की गई हैं और एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत दर्ज मामलों में 11,985 मुलजिमों को गिरफ्तार किया गया है।