विजीलेंस जांच में गिरफ्तारी की आशंका पर पंजाब कांग्रेस विधायक खैरा की अग्रिम जमानत याचिका वापस
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सुखपाल सिंह खैहरा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी जिसे उन्होंने विजिलेंस जांच में गिरफ्तारी से बचने के लिए दायर किया था। अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील द्वारा याचिका वापस लेने के अनुरोध को स्वीकार किया। राज्य के वकील ने स्पष्ट किया कि विजिलेंस ब्यूरो ने खैहरा को जांच के लिए नहीं बुलाया था जिसके बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब के विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को वापस लेने के आधार पर खारिज कर दिया। यह याचिका स्टेट विजिलेंस ब्यूरो द्वारा 12 फरवरी 2024 को जारी पत्र में उल्लिखित लंबित विजिलेंस जांच के मामले में गिरफ्तारी से बचाव के लिए दायर की गई थी।
जस्टिस त्रिभुवन दहिया की खंडपीठ के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रीतिंदर सिंह आहलूवालिया पेश हुए। उन्होंने दलील दी कि सुखपाल सिंह खैरा जो विपक्षी दल के मौजूदा विधायक हैं, को आशंका है कि लंबित विजिलेंस जांच में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की जा सकती है, इसलिए अग्रिम जमानत की मांग की गई है।
राज्य पक्ष के वकील ने अदालत को अवगत कराया कि विजिलेंस ब्यूरो ने न तो याचिकाकर्ता को कोई नोटिस जारी किया है, न ही समन भेजा है और न ही जांच में शामिल होने के लिए बुलाया है। ऐसे में गिरफ्तारी की कोई ठोस आशंका नहीं बनती।
याचिकाकर्ता के वकील ने राज्य पक्ष के इस बयान को रिकार्ड करने का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने दर्ज कर लिया। इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे मंजूरी देते हुए अदालत ने याचिका को वापस लेने के आधार पर खारिज कर दिया।
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