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    इंदिरा गांधी के शहीदी दिवस को भूली पंजाब कांग्रेस, जाखड़ ने उठाई चरणजीत सिं चन्नी सरकार पर उंगली

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Sun, 31 Oct 2021 05:10 PM (IST)

    आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का शहीदी दिवस था लेकिन इस दिवस को पंजाब की चन्नी सरकार भूल गई। कांग्रेस भवन में कार्यक्रम तो हुआ पर नवजोत सिंह सिद् ...और पढ़ें

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    वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ की फाइल फोटो।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने एक बार फिर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर उंगली उठाई है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शहीदी दिवस पर पंजाब सरकार द्वारा कोई भी विज्ञापन जारी नहीं करने पर जाखड़ ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में जारी किए गए विज्ञापन को अटैच करते हुए ट्वीट किया। जाखड़ ने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी इतिहास से आयरन लेडी आफ इंडिया को मिटाना चाहती है, क्या पंजाब में कांग्रेस की सरकार नहीं है। वहीं, कांग्रेस भवन में इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए तो कार्यक्रम आयोजित हुआ, लेकिन इस मौके पर नवजोत सिंह सिद्धू उपस्थित नहीं थे।

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    जाखड़ ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, ''मैं, जानता हूं कि कैप्टन साहब पिछले साल के पंजाब सरकार के इस विज्ञापन का उपयोग करने पर बुरा मानेंगे। क्योंकि आज मुझे ऐसा कुछ नहीं दिखाई दिया।'' प्रदेश प्रधान की कुर्सी से मुक्त होने के बाद जाखड़ लगातार अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। दो दिन पूर्व ही जगदीश टाइटलर को दिल्ली कांग्रेस कमेटी का स्थायी सदस्य बनाए जाने पर भी जाखड़ ने सवाल खड़े किए हैं। 1984 के सिख दंगों के मुख्य आरोपितों में से एक जगदीश टाइटलर को दिल्ली कांग्रेस का स्थाई सदस्य बनाए जाने पर जाखड़ ने बेहद गंभीर मामला बताया था। साथ ही उन्होंने इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेत्री अंबिका सोनी को भी लपेट लिया था।

    जाखड़ ने कहा था कि कि इस मामले में कांग्रेस ने जरूर अंबिका सोनी से सलाह की होगी। जाखड़ ने ऐसा इसलिए भी कहा था कि पंजाब के मामलों को लेकर कांग्रेस हाईकमान इन दिनों अंबिका सोनी से फीडबैक ले रही है। वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र देने के बाद सुनील जाखड़ मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हरेक मायने में सबसे आगे थे। पार्टी हाईकमान से लेकर कांग्रेस के 40 विधायक जाखड़ को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते थे, लेकिन अंबिका सोनी के हस्तक्षेप के बाद स्थिति बदल गई।

    अंबिका सोनी ने हाईकमान से मुलाकात करके पंजाब में किसी सिख को ही मुख्यमंत्री बनाने का सुझाव दिया था। जिसके बाद कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मोहर लगाई थी। अंबिका सोनी द्वारा सिख को ही मुख्यमंत्री बनाने पर जोर देने की कांग्रेस के अंदर और बाहर कड़ी निंदा भी हुई थी। कांग्रेस के कई नेताओं ने इस बात की निंदा करते हुए कहा था कि कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष पार्टी है। जबकि अंबिका सोनी का बयान पार्टी की नीतियों के खिलाफ था।