Punjab Politics: CM मान के गठबंधन से इंकार पर पंजाब कांग्रेस उत्साहित, शॉर्ट और लॉन्ग टर्म में होगा पार्टी को फायदा
Punjab News मुख्यमंत्री मान और आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रधान भगवंत मान द्वारा कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने की घोषणा से पंजाब कांग्रेस उत्साहित है। कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान भारत भूषण आशु का कहना है अभी तक पंजाब कांग्रेस के नेता ही इस गठबंधन के खिलाफ थे अब भगवंत मान का भी बयान आ गया है। इससे कांग्रेस को शार्ट व लांग टर्म में फायदा होगा।

आशु कैलाश नाथ, चंडीगढ़। आईएनडीआईए के घटक दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर संशय के बादल छंटने लगे है। मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रधान भगवंत मान द्वारा कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने की घोषणा से पंजाब कांग्रेस उत्साहित है।
कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान भारत भूषण आशु का कहना है, अभी तक पंजाब कांग्रेस के नेता ही इस गठबंधन के खिलाफ थे, अब भगवंत मान का भी बयान आ गया है। इससे कांग्रेस को शार्ट व लांग टर्म में फायदा होगा। क्योंकि कांग्रेस को सरकार की एंटी इनकंपेंसी का बोझ नहीं उठाना लड़ेगा।
पार्टी के कार्यकर्ता भी फंसे थे असमंजस में
कांग्रेस के लिए राहत वाली बात यह है कि कांग्रेस के नेता भले ही आप के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे थे लेकिन पार्टी हाईकमान लगातार ऐसे संकेत दे रहा था कि वह गठबंधन के हक में है। जिसे लेकर पार्टी के कार्यकर्ता भी असमंजस में फंसे हुए थे। क्योंकि पार्टी के सांसद गठबंधन के हक में थे।
पंजाब कांग्रेस की चिंता यह थी कि अगर आप के साथ गठबंधन करके वह लोक सभा का चुनाव लड़ती तो उसे आप के लिए वोट मांगने पड़ते। जबकि सरकार ने कांग्रेस के दो दर्जन से ज्यादा नेताओं को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार करके जेल भेजा था।
कांग्रेस के हाथों से छिन जाती विपक्ष की भूमिका
ऐसे में कांग्रेस के हाथों से विपक्ष की भूमिका भी छिन जाती। बल्कि विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान होना था। पार्टी नेताओं की चिंता यह भी थी कि गठबंधन होने से कार्यकर्ताओं का बेस भी आप के हक में खिसक जाता। यही कारण है कि कांग्रेस शुरू से ही इस गठबंधन के खिलाफ थी। भारत भूषण आशु का कहना है, पार्टी मजबूती से लोक सभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। क्योंकि लोग सरकार की कारगुजारी से दुखी है।
वहीं, सरकार ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से लेकर सरपंच तक के साथ धक्केशाही की है। बता दें कि गठबंधन को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को लेकर आशु भी विरोध कर रहे थे। उन्होंने पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की बैठकों का बहिष्कार कर दिया था। यादव के पिछले तीन दिनों से चल रही बैठकों के दौरान भी आशु शामिल नहीं हुए।
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