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    हाईकमान के आगे पंजाब कांग्रेस बेदम, AAP के साथ समझौता तय; इस फॉर्मूले पर लड़ा जा सकता है लोकसभा चुनाव

    पंजाब कांग्रेस हाईकमान के आगे बिल्कुल बेदम नजर आ रही है। हाईकमान ने पंजाब कांग्रेस के नेताओं को AAP के साथ समझौता करने के संकेत दे दिए हैं। पंजाब कांग्रेस के नेता आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थे। प्रताप सिंह बाजवा सबसे ज्यादा इसका विरोध कर रहे थे। वहीं अब माना जा रहा है कि दोनों पार्टियां 6-7 के फार्मूले पर चुनाव लड़ सकती है।

    By Kailash Nath Edited By: Rajat MouryaUpdated: Sun, 03 Sep 2023 07:00 PM (IST)
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    हाईकमान के आगे पंजाब कांग्रेस बेदम, AAP के साथ समझौता तय

    चंडीगढ़, कैलाश नाथ। Punjab Politics इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) के दो दौर की बैठक के बाद अब तस्वीर स्पष्ट होने लगी है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब के नेताओं को भी यह संकेत दे दिए हैं। पार्टी हाई कमान के सामने पंजाब कांग्रेस के नेताओं की एक भी नहीं चली। वहीं, कांग्रेस ने सीटों को भी चिन्हित करना शुरू कर दिया है। ताकि जब सीट बंटवारे की बात आए तो वह अपना पक्ष रख सकें।

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    पंजाब कांग्रेस के नेता आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के साथ गठबंधन के खिलाफ थे। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा सबसे ज्यादा इसका विरोध कर रहे थे। उन्होंने तो पार्टी के मंच से भी यह कह दिया था कि वह आम आदमी पार्टी के नेताओं की शक्ल तक नहीं देखना चाहते हैं। जबकि प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग (Raja Warring) इस मामले को लेकर शांत थे।

    अध्यादेश का विरोध नहीं करने को लेकर बुलंद की थी आवाज

    राजा वड़िंग ने दिल्ली में अधिकारियों के तबादले-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश का विरोध नहीं करने को लेकर आवाज बुलंद की थी। लेकिन बाद में वह भी हाईकमान के रुख को देखते हुए शांत हो गए थे। हालांकि, बाजवा (Partap Singh Bajwa) लगातार इसका विरोध करते रहे थे। लेकिन न सिर्फ कांग्रेस ने अध्यादेश को लेकर आम आदमी पार्टी का साथ दिया बल्कि पंजाब और दिल्ली कांग्रेस के नेताओं के विरोध को नजरंदाज भी किया।

    पंजाब कांग्रेस को संकेत

    इसी क्रम में दिल्ली में आप के साथ समझौता करने का विरोध करने वाले प्रदेश कांग्रेस अनिल चौधरी को हटाकर अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh) को प्रदेश की कमान सौंप दी। माना जा रहा है कि दिल्ली में की गई कार्रवाई पंजाब के नेताओं को एक संकेत देना था। जानकारी के अनुसार हाईकमान ने पिछले दिनों प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और प्रताप सिंह बाजवा को भी समझौते के संकेत दे दिए थे। क्योंकि बाजवा कभी भी आप के साथ समझौते के हक में नहीं थे।

    मान ने दिए समझौते के संकेत

    इधर, मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने भी कांग्रेस के साथ समझौते के संकेत दिए हैं। दैनिक जागरण द्वारा किए गए एक सक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस से सीटों के बंटवारे को लेकर किसी भी स्तर या फार्मूले पर कोई बात नहीं हुई है। हमने कांग्रेस से केवल दिल्ली आर्डिनेंस के लिए सहयोग मांगा था जो मिला भी। राज्यसभा के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी बिल के विरोध में विपक्ष को 100 से अधिक वोट पड़े हों। उन्होंने समर्थन किया और हम आईएनडीआईए का हिस्सा बन गए। माना जा रहा है कि कांग्रेस 6 और आम आदमी पार्टी पंजाब में 7 सीटों पर चुनाव (Lok Sabha Polls 2024) लड़ सकती है।