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पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, भारत बंद ने साबित किया किसानों के मसलों पर चर्चा जरूरी

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों के भारत बंद से स्पष्ट हो गया है कि किसानों के मुद्दे पर चर्चा की जानी जरूरी है। कहा अगर मैं होता तो कानूनों को वापस लेने में एक मिनट नहीं लगाता।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 07:55 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 09:49 AM (IST)
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, भारत बंद ने साबित किया किसानों के मसलों पर चर्चा जरूरी
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह। फोटो कैप्टन के ट्विटर अकाउंट से

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ भारत बंद के दौरान किसानों की एकजुटता ने इन कानूनों को रद करने और बाद में कृषि सुधारों पर विस्तार में चर्चा करने की अहमियत को दिखा दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि मैं उनकी जगह होता तो मैं अपनी गलती मानने और कानूनों को वापस लेने के लिए एक मिनट न लगाता।‘’

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मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र को आढ़तियों और मंडी व्यवस्था को खारिज करने के बजाय मौजूदा प्रणाली को बरकरार रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इसको खत्म क्यों कर रहे हैं? उनको यह किसानों पर छोड़ देना चाहिए कि वह क्या चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी प्राइवेट खरीदार को खरीद से नहीं रोकता, लेकिन पूरी तरह स्थापित प्रणाली की कीमत पर इसकी आज्ञा नहीं दी जानी चाहिए जिस व्यवस्था ने किसानों को दशकों से फायदा पहुंचाया है।

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मुख्यमंत्री ने मांग की कि अगर केंद्र सरकार ईमानदारी के साथ दावा कर रही है कि एमएसपी को ख़त्म नहीं किया जाएगा तो वह इसको कानूनी हक देने के लिए क्यों तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि एमएसपी हमारा हक है।

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भाजपा के इस आरोप कि कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में एपीएमसी कानून रद करने की बात कही गई थी, इस परकैप्टन ने कहा कि उनकी पार्टी या डॉ. मनमोहन सिंह सरकार ने यह बात कभी भी नहीं की थी कि मौजूदा प्रणाली को खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में आधुनिकीकरण बारे में कहा गया था, न कि यह कि जो कुछ चल रहा है, उसे बंद कर दिया जाएगा। यह स्पष्ट करते हुए कि निजी कंपनियों के कोई खिलाफ नहीं है।

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केंद्र सरकार के कदम से ख़ुद को परेशान बताते हुए कैप्टन ने कहा कि बेशक इस समय मुल्क अब आत्मनिर्भर हो गया हो, लेकिन भविष्य में अनाज की कमी की संभावना को अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जब उनको ज़रूरत थी हमें इस्तेमाल कर लिया और अब जब बाकी मुल्क गेहूं और धान की फ़सल पैदा करने लगा है तो हमें अपने रहमोकरम पर छोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंडी प्रणाली का ख़ात्मा करके पंजाब को ग्रामीण विकास के लिए अति आवश्यक फंडों से वंचित किया जा रहा है। 

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