'दिल्ली से पहले धुआं किसान के गांव पहुंचता है', पराली के मुद्दे पर किसानों के समर्थन में बोले CM भगवंत मान
Punjab News पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पराली जलाने के मुद्दे पर किसानों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि किसान पराली नहीं जलाना चाहते लेकिन व ...और पढ़ें

एएनआई, चंडीगढ़। Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के किसान पराली नहीं जलाना चाहते, किसान धान की खेती भी नहीं करना चाहते हैं परंतु वैकल्पिक फसल पर एमएसपी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार से पराली की समस्या के व्यावहारिक समाधान के रूप में किसानों के लिए मुआवजे की मांग की, जो फसल खरीद का एक विकल्प हो सकता है।
'सबसे पहले धुआं किसान के गांव पहुंचता है'
भगवंत मान ने कहा कि जब धान की पैदावार होती है तो किसानों की प्रशंसा होती है परंतु पराली का क्या? फिर वे (एनजीटी) जुर्माना वसूलना चाहते हैं। कहा कि हमें नहीं पता कि पंजाब का धुआं दिल्ली पहुंचता है या नहीं, पर धुआं सबसे पहले किसान व उसके गांव को नुकसान पहुंचाता है।
उन्होंने कहा कि किसानों को पराली जलाने के लिए मजबूर होना पड़ता है, इससे अंतत: वायु गुणवत्ता खराब होती है। पराली जलाने का मुद्दा किसी एक राज्य तक सीमित नहीं है, यह पूरे उत्तर भारत का मुद्दा है।
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किसान कर रहे मुआवजे की मांग: भगवंत मान
मान ने कहा कि हम पराली जलाना रोकने के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र किसानों को इसके खिलाफ प्रोत्साहित करने के लिए कह रहा है। उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन से काम नहीं चलता, व्यावहारिक कदम उठाने की जरूरत है।
मान ने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों को 1.25 लाख मशीनें दी हैं और इसके परिणामस्वरूप 75 लाख हेक्टेयर धान की फसल में से 40 लाख हेक्टेयर की पराली नहीं जलाई गई है।
पूछा, पीएम मोदी पराली का धुआं नहीं रोक सकते भगवंत मान ने कहा कि यदि पीएम मोदी यूक्रेन युद्ध रोक सकते हैं जैसा कि उन्होंने विज्ञापन में दिखाया है तो क्या वह यहां पराली का धुआं नहीं रोक सकते? उन्हें सभी राज्यों को एक साथ बैठाना चाहिए, मुआवजा देना चाहिए, विज्ञानियों को बुलाना चाहिए।
हरियाणा में पराली जलाने वालों पर एफआईआर
वहीं, दूसरी ओर पराली के बढ़ते मामलों को देखते हुए और हवा का एक्यूआई बिगड़ता देख अब हरियाणा की नायब सरकार ने पराली पर रोकथाम को लेकर एक सख्त तरीका अपनाया है। प्रदेश में अब पराली जलाने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
आदेशानुसार प्रदेश सरकार ने दो आदेशों पर मुहर लगाई है। आदेश में कहा गया कि ऐसे किसानों के फार्म रिकॉर्ड में लाल निशान की एंट्री की जाएगी जिससे किसान अगले दो सीजन के दौरान ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से मंडियों में अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे और यह एंट्री आवश्यक रूप से जरूरी होगी।

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