किताबें छाप नहीं पाया पंजाब बोर्ड, अब विद्यार्थियों से कहा- पुरानी से काम चलाओ
पंजाब के स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू हो गया है और शिक्षा बोर्ड पाठ्यपुस्तकें नहीं छाप पाया है। अभी पुस्तकें उपलब्ध होने में दो माह लग जाएगा।
जेएनएन, मोहाली। पंजाब में स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू हाे गया है, लेकिन विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकें नहीं मिल पा रही हैं। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) किताबों की छपाई नहीं करवा पाया है। बताया जाता है कि बोर्ड द्वारा कागज खरीदने में देरी के कारण किताबों की छपाई ही नहीं हुई है और ये दो माह बाद ही मिल पाएंगी। हालात यह हैं कि इस बार 16 विषय की किताबें की छपाई होगी ही नहीं। ऐसे में अब बोर्ड विद्यार्थियों को पुरानी किताबों से काम चलाने को कह रहा है।
जानकारी के अनुसार पहली से लेकर 12वीं कक्षा की करीब 55 विषयों की किताबों की छपाई काम अभी शुरू नहीं हो सका है। बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक किताबों की कमी को दूर होने में अभी करीब दो माह का समय और लग सकता है। इसके बाद ही स्टूडेंट्स और अभिभावकों को कुछ राहत मिलेगी।
कमी दूर होने में लग सकता है दो माह का समय, इस बार नहीं छापी जाएंगी 16 विषयों की बुक्स
बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई खराब न हो इसके लिए कुछ वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। बोर्ड के चेयरमैन बलबीर सिंह ढिल्लों ने बताया कि विद्यार्थियों को पुरानी किताबें मुहैया करवाई गई हैं। विद्यार्थी एक-दूसरे की मदद करें। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने कुछ किताबों के चैप्टर ऑनलाइन भी जारी किए हैं, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई खराब न हो।
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बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक, सत्र 2017-18 के लिए कुल 350 पाठ्यपुस्तकें छापी जानी थी। इनमें से 225 किताबें 31 मार्च तक ब्लॉक स्तर पर पहुंचा दी गई हैं। इसके अलावा 27 पाठ्यपुस्तकें एनसीईआरटी की ओर से सीधे स्कूलों को भेज जाने हैं। ये अभी नहीं भेजे गए। इनमें हिंदी और अंग्रेजी की किताबें शामिल हैं। बोर्ड की ओर से इस बार 16 किताबें नहीं छापी जाएंगी, क्योंकि इनकी मांग न के बराबर है।
कागज की दरें अधिक होने के कारण हुई देरी
बोर्ड चेयरमैन बलबीर सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी विभाग के महानिदेशक (सप्लाई व डिस्पोजल) की ओर से पुस्तक छपाई के लिए कागज के रेट तय किया जाता है। 31 मार्च 2016 तक के रेट तय किए गए थे। राज्य सरकार ने बोर्ड को निर्देश दिए थे कि केंद्र सरकार की ओर से तय किए गए रेटों या कोई कंपनी उससे कम रेट पर पेपर सप्लाई करती है तो उससे खरीद की जाए।
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उन्होंने बताया कि दो कंपनियों से टेंडर लिए गए लेकिन रेट ज्यादा होने के कारण कंपनी भाग निकली। दिसंबर में नया टेंडर निकाला गया लेकिन पेपर महंगा होने के कारण किसी ने अप्लाई नहीं किया। सरकार से मांग की जाएगी कि मार्केट रेट पर खरीद की अनुमति दी जाए।
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