'पंजाब में रोज पत्थर फेंक पानी मापने की कोशिश कर रही BJP', पीयू मुद्दे पर प्रताप बाजवा ने साधा निशाना
Punjab Special Assembly Session: पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आनंदपुर साहिब में आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत कई मंत्री और विधायक शामिल हुए। सत्र में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा, जबकि भाजपा ने पलटवार किया।

पंजाब विधान सभा का विशेष सत्र आज आनंदपुर साहिब में (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा सत्र में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बिना नाम लिए भाजपा पर निशाना साधा। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सरकारी प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि पंजाब में रोज पत्थर फेंक कर पानी मापने की कोशिश कर रही है।
बेशक पंजाब यूनिवर्सिटी का मामला हो जहां से ऐसे वाइस चांसलर लगाए जा रहे हैं जो यहां के कल्चर को बदलना चाहते हैं, वे इतिहास को बदलना चाहते हैं।
बाजवा ने सभी को केंद्र सरकार के इस रवैए के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि हम सभी में मतभेद हो सकते हैं लेकिन एक होकर ही इन्हें रोका जा सकता है।
'अलग-अलग मामले लाकर हमें टेस्ट किया जा रहा'
उन्होंने कहा कि कभी जीएसटी, कभी यूनिवर्सिटी तो कभी आरडीएफ का मामला लाकर हमें टेस्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब के बलिदान पूरे विश्व में अद्वितीय है और उन्हीं के फलसफे के कारण समानता की बात सामने आई।
बंदा सिंह बहादुर ने भूमिहीनों को जमीनों के मालिक बनाया। महाराजा रणजीत सिंह ने सेकुलर राज चलाया जहां सभी को प्रतिनिधितव दिया गया।यह इसलिए हुआ क्योंकि गुरुओं की सेकुलर स्प्रिट थी।
हालांकि केंद्र सरकार पर प्रताप सिंह बाजवा की गई टिप्पणी का भाजपा के विधायक अश्वनी शर्मा ने कहा राजनीति करने के लिए कई और मंच हैं पर वह अपनी आदत से बाज नहीं आते।
गुरु तेग बहादुर को किया गया याद
अश्वनी शर्मा ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब के समय केवल पंडित ही तिलक, जनेऊ नहीं पहनते बल्कि वह सनातन की पहचान थी जिसकी रक्षा के लिए गुरु साहिब ने शहादत दी। इसीलिए उन्हें हिन्द दी चादर कहा गया।
बलिदान की यह परम्परा रुकी नहीं बल्कि गुरु पुत्रों तक गई। दुनिया के इतिहास में इस तरह की मिसाल नहीं मिलती।
आनंदपुर साहिब में हो रहे पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक विधानसभा पहुंचे।
शिक्षा एवं जनसंपर्क मंत्री हरजोत सिंह बैंस विधानसभा में नंगे पांव अकेले ही सदस्यों और दर्शकों के पास जाकर उनका कुशलक्षेम पूछा और श्री आनंदपुर साहिब पहुंचने पर उनका स्वागत किया। पंजाब के सीएम भगवंत मान और संत बलबीर सिंह सीचेवाल भी सदन की कार्रवाई देखने पहुंचे।
मंत्री हरजोत बैंस जो आनंदपुर साहिब के विधायक भी हैं ने सरकारी प्रस्ताव पेश किया और सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, मीत हेयर भी सदन की कार्रवाई देखने पहुंचे।
पहली बार आनंदपुर साहिब में हो रहा विधानसभा सत्र
पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आज आनंदपुर साहिब में हो रहा है। एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व को लेकर सरकारी प्रस्ताव पेश करेंगे।
विधान सभा के स्पीकर कुलतार संधवां ने पहले ही स्पष्ट कर दिया हैं कि इस सत्र के दौरान कोई और सरकारी कामकाज नहीं होगा।
बता दें कि 25 नवंबर को गुरु तेगबहादुर जी 350वां शहीदी पर्व है। सरकारी स्तर पर इसे बड़े स्तर पर मनाया जा रहा है। इसी क्रम में गुरु साहिब को श्रद्धासुमन भेंट करने के लिए आनंदपुर साहिब में ही विधान सभा का विशेष सत्र बुलाया गया है।
एसा पहली बार हुआ हैं कि विधान सभा का सत्र चंडीगढ़ की जगह पर कहीं बाहर किया जा रहा हो। इस प्रस्ताव का मूल उद्देश्य गुरु साहिब के सिद्धांतों और उनकी शहादत को श्रद्धासुमन भेंट करना है।
हालांकि पहले यह भी कयास लगाए जा रहे थे के कि सरकार इस मौके पर आनंदपुर साहिब को जिले का दर्जा दे सकती है लेकिन विधान सभा की कार्यसूची में इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया है।

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