Punjab Assembly Session: चीमा और बाजवा में तीखी बहस, सीट छोड़कर एक दूसरे की तरफ बढ़े विधायक; सदन की कार्यवाही स्थगित
पंजाब विधानसभा सत्र में वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के बीच तीखी बहस हुई। चीमा ने बाजवा पर गुरदासपुर में धुस्सी बांध के साथ जमीन खरीदने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने इसे बचाने के लिए 1.18 करोड़ रुपये खर्च किए। बाजवा ने आरोपों को नकारा और चीमा पर आबकारी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा सत्र में आज वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के बीच उस समय तीखी बहस हो गई, जब पंजाब पुनर्वास को लेकर चल रही बहस के बीच चीमा ने आरोप लगाया कि प्रताप सिंह बाजवा ने गुरदासपुर के गांव फूलां और एक अन्य गांव में धुस्सी बांध के साथ लगती जमीन खरीदी है।
पिछली सरकार के दौरान इनकी इस जमीन को बचाए रखने के लिए सरकार ने 1.18 करोड़ रुपये खर्च किए। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इसके साथ आती रेत को निकालते हैं। उन्होंने कहा कि बाजवा सरकार के काम में नुक्स निकालते रहते हैं।
बाजवा ने आरोपों को न सिर्फ नकारा बल्कि चीमा पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मैंने जमीन ली है और स्टांप ड्यूटी अदा की है। मैंने जमीन प्राइवेट व्यक्तियों से खरीदी है, जिसकी पूरी जानकारी दी हुई है। उन्होंने कहा कि आबकारी घोटाले में आपकी सारी पार्टी के नेताओं को अंदर कर दिया, लेकिन आपको छोड़ दिया क्योंकि आपकी भाजपा के साथ सांठगांठ है।
उन्होंने यह भी कहा कि आपकी पार्टी हर डिस्टलरी से 35 लाख रुपये महीना लेती है। स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने दोनों पक्षों को बैठने के लिए कहा तो कांग्रेस के विधायक अवतार सिंह जूनियर हैनरी ने स्पीकर पर पक्षपात का आरोप लगाया और कहा कि वह विपक्ष के नेता को बोलने नहीं दे रहे हैं।
इसी बीच प्रताप सिंह बाजवा और चीमा में भी लगातार बहस जारी रही, लेकिन माइक बंद होने के कारण कुछ सुनाई नहीं पड़ा। दोनों एक दूसरे को चैलेंज करते रहे। चीमा अपनी सीट छोड़कर आगे आ गए तो दोनों ओर के विधायक भी आगे बढ़े। इसके बाद स्पीकर ने माहौल को शांत करने के लिए सदन की कार्यवाही को दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
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