बेअदबी मामले में पंजाब विधानसभा में बहस जारी, प्रताप बाजवा बोले- 'ग्रंथ चोरी करना न हो शामिल, DSP स्तर पर हो जांच'
पंजाब विधानसभा में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर बहस में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि बिल में धार्मिक ग्रंथों की चोरी को शामिल नहीं किया गया है जबकि विवाद की शुरुआत 2015 में हुई चोरी से हुई थी। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब के लिए अलग सजा का सुझाव दिया क्योंकि वे जीवंत गुरु हैं

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब सहित अन्य धार्मिक ग्रंथो की बेअदबी को लेकर पंजाब विधानसभा में शुरू हुई बहस में भाग लेते हुए कहा कि इस बिल में धार्मिक ग्रंथो को चोरी करने को शामिल नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि पंजाब में 2015 में गांव बुर्ज जवाहर सिंह के गुरुद्वारा साहिब से जो बीड चोरी हुई थी उसी से यह विवाद शुरू हुआ लेकिन इस बिल यही मद गायब है। बाजवा ने सुझाव दिया कि गुरु ग्रंथ साहिब और अन्य धर्मों के स्क्रिपचर के लिए अलग सजा होनी चाहिए क्योंकि गुरु ग्रंथ साहिब हमारे लिए जीवंत गुरु हैं।
बिल पर एक अन्य सुझाव देते हुए बाजवा ने कहा कि इसमें बेअदबी की जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी से करवाने की बात की है लेकिन यह एडीजीपी रैंक के अधिकारी से कम नहीं होना चाहिए।
जांच गलत पाई जाने पर हो कार्रवाई
इसके अलावा उन्होंने जांच को समयबद्ध करने की भी मांग की ओर कहा कि अगर जांच पूरी नहीं होती तो एसएसपी को ही इसका समय बढ़ाने की अनुमति दी जाए यदि फिर भी पूरी न हो तो डीजीपी को ही इसके लिए समय और देने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जांच गलत पाई जाए तो जांच अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाए।
बाजवा ने कहा कि अगर बेअदबी को लेकर कहीं प्रदर्शन हों तो उन पर असल गोली न चलाई जाए जैसा कि कोटकपूरा या बहिबल कलां में हुआ।

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