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पंजाब विधानसभा ने पारित किया ऐतिहासिक बिल, प्लॉट रजिस्ट्री के लिए अब नहीं चाहिए एनओसी

पंजाब विधानसभा ने पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन (संशोधन) एक्ट-2024 पारित कर प्लॉट रजिस्ट्री के लिए एनओसी की शर्त को खत्म कर दिया है। इस ऐतिहासिक फैसले से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और अवैध कॉलोनियों पर लगाम लगेगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह संशोधन अवैध कॉलोनाइजरों पर शिकंजा कसने और छोटे प्लॉट मालिकों को राहत देने के लिए किया गया है।

By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Tue, 03 Sep 2024 07:55 PM (IST)
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पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन (संशोधन) एक्ट-2024 पारित।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब के आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब विधानसभा ने आज ऐतिहासिक बिल 'पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन (संशोधन) एक्ट-2024' को सर्वसम्मति से पारित करते हुए प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एन.ओ.सी.) की शर्त को समाप्त कर दिया।

छोटे प्लॉट मालिकों को मिलेगी बड़ी राहत

विधानसभा के सदन में 'पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन (संशोधन) एक्ट-2024' पर चर्चा को समेटते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संशोधन का उद्देश्य जहां अवैध कॉलोनियों पर शिकंजा कसना है, वहीं छोटे प्लॉट मालिकों को राहत देना है।

उन्होंने कहा कि इस बिल से आम लोगों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि इस संशोधन से लोगों को अपने प्लॉट की रजिस्ट्री करवाने में आने वाली समस्याओं का समाधान हो जाएगा और अवैध कॉलोनियों पर रोक लगेगी।भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह संशोधन आरोपी व्यक्तियों के लिए जुर्माने और सजा का प्रावधान करता है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक निर्णय का उद्देश्य आम लोगों की भलाई सुनिश्चित करना है।

प्लॉट रजिस्ट्री के लिए अब एनओसी की नहीं है जरूरत

मुख्यमंत्री ने कहा कि नए संशोधन के अनुसार कोई भी व्यक्ति जिसने 31 जुलाई, 2024 तक अवैध कॉलोनी में स्थित 500 वर्ग गज तक के क्षेत्र के लिए, एक पावर ऑफ अटॉर्नी, स्टांप पेपर पर बेचने के लिए अनुबंध या कोई अन्य ऐसा दस्तावेज़ जिसके बारे में सरकार अधिसूचना द्वारा निर्धारित कर सकती है, के माध्यम से अनुबंध किया है, उस क्षेत्र के लिए एन.ओ.सी. की आवश्यकता नहीं होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संपत्ति का मालिक अपने प्लॉट की रजिस्ट्री संबंधित रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार या संयुक्त सब-रजिस्टार के पास करवा सकता है और ऐसे क्षेत्र को पंजीकृत करवाने के संबंध में यह छूट सरकार द्वारा इस संबंध में नोटिफिकेशन के माध्यम से नोटिफाई की गई तिथि तक लागू होगा।

इस रजिस्ट्रेशन के लिए मकान निर्माण और शहरी विकास विभाग की संबंधित विकास प्राधिकरण या स्थानीय सरकार विभाग की संबंधित स्थानीय शहरी संस्था से एन.ओ.सी. प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के बिक्री दस्तावेज़ की सूचना रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार या संयुक्त सब-रजिस्ट्रार द्वारा संबंधित प्राधिकरण को उपलब्ध करवाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उपरोक्त के अनुसार दी गई छूट की अधिसूचित तिथि बीत जाने के बाद भी यदि इस संपत्ति को आगे नहीं बेचा गया है तो रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार या संयुक्त सब-रजिस्टार द्वारा ऐसी संपत्ति के संबंध में अगले बिक्री दस्तावेज़ों को संबंधित विकास प्राधिकरणों/स्थानीय सरकार को सूचित करते हुए पंजीकृत किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्ट के तहत पंजीकृत कोई भी व्यक्ति या प्रमोटर या उसका एजेंट और कोई अन्य प्रमोटर, जो बिना किसी उचित कारण के, एक्ट की धारा-5 के उपबंधों का पालन करने में विफल रहता है या उल्लंघन करता है तो दोषी पाए जाने पर उसे कम से कम 25 लाख रुपए जुर्माना हो सकता है जिसे 5 करोड़ रुपए तक बढ़ाया जा सकता है।

इसके साथ ही उसे कम से कम पांच साल की कैद की सजा दी जाएगी जिसे दस साल तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अवैध कॉलोनाइज़र ने लोगों को हरा-भरा सपना दिखाकर लूटा और उन्होंने बिना मंजूरी के कॉलोनियों को बेच दिया, जबकि ये कॉलोनियां स्ट्रीट लाइट, सीवरेज और अन्य बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि मजबूर लोग इन कॉलोनियों में जरूरी सुविधाएं हासिल करने के लिए परेशान होते हैं।

'कॉलोनाइजर अवैध तरीके इकट्ठा करते हैं पैसे'

मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉलोनाइजर अवैध तरीके से पैसा इकट्ठा करते हैं, लेकिन उनकी गलत हरकतों का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने तीन बार अवैध कॉलोनियों को नियमित किया, जबकि हर बार यह शर्त रखी गई थी कि यह राहत आखिरी बार दी जा रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश के सबसे अनुभवी मुख्यमंत्रियों में से एक होने के कारण उन्होंने यह फैसला आम लोगों के प्लॉटों को कानूनी जामा पहनाने के लिए लिया है, न कि अवैध कॉलोनियों को।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निवेशकों को आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने की सुविधा देने के लिए रंगीन अष्टाम पेपर पेश किए हैं। उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि जमीन का उपयोग केवल उसी उद्देश्य के लिए किया जाए, जिसके लिए निवेशकों ने मंजूरी मांगी थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछली सरकारों के लंबे कुशासन के दौरान अवैध कॉलोनियों में वृद्धि हुई क्योंकि पिछली सरकारों ने अवैध कॉलोनाइज़र की सरपरस्ती की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बिल से उन करोड़ों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई को गलती से अवैध कॉलोनियों में लगा दिया। उन्होंने कहा कि इन भोले-भाले लोगों ने अपना पैसा घर बनाने के लिए लगाया था, लेकिन अवैध कॉलोनियों के कारण समस्याओं में फंस गए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अवैध कॉलोनाइज़र को शरण देने वाले नेताओं को जनता कभी माफ नहीं करेगी और लोगों ने उन्हें पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

विपक्ष पर कसा तंज

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब नेता अपने किए गए बुरे कामों की माफी मांग रहे हैं, जबकि उन्हें खुद नहीं पता कि उन्होंने क्या गलती की है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि ये नेता अब अपने किए की माफी मांग रहे हैं, लेकिन इन्हें एक बात याद रखनी चाहिए कि गलतियों के लिए माफी मांगी जा सकती है, लेकिन अपराध माफ नहीं होते। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं ने राज्य और यहां के लोगों के खिलाफ घिनौने अपराध किए हैं, जिन्हें कभी भी माफ नहीं किया जा सकता।