Paper Leak Case में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के निलंबित रजिस्ट्रार को नहीं मिली राहत, जानें क्या है पूरा मामला
एचसीएस ज्यूडिशियल 2017 के पेपर लीक मामले में आरोपित निलंबित रजिस्ट्रार (रिक्रूटमेंट) बलविंदर शर्मा को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बलविंदर शर्मा की याचिका खारिज कर दी है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हाई कोर्ट के निलंबित रजिस्ट्रार (रिक्रूटमेंट) बलविंदर शर्मा की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने अपने खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के आदेश को रद करने की मांग की थी। शर्मा ने हाई कोर्ट की डिविजन बेंच के सामने दायर अपनी अपील में बताया था कि उस पर एचसीएस ज्यूडिशियल पेपर लीक मामले में 19 सितंबर 2017 को चंडीगढ़ के सेक्टर तीन थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। इस मामले की जांच जारी है। इस बीच हाई कोर्ट प्रशासन ने उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी।
इसके खिलाफ उसने हाई कोर्ट प्रशासन को एक मांग पत्र देकर आग्रह किया था कि जब तक उसके मामले की जांच पूरी नहीं होती उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई न की जाए, लेकिन हाई कोर्ट प्रशासन ने उसकी याचिका खारिज कर दी। बलविंदर शर्मा ने हाई कोर्ट प्रशासन द्वारा विभागीय कार्रवाई के आदेश को रद करने की बेंच के सामने गुहार लगाई। जस्टिस जसवंत सिंह एवं जस्टिस संत प्रकाश की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि विभागीय कार्रवाई के आदेश पर रोक की मांग का कोई कानूनी आधार नहीं है, ऐसे में बेंच इस याचिका को खारिज करती है।
ये है मामला
सितंबर 2017 में पंचकूला की पिंजौर निवासी सुमन ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया था कि हरियाणा सरकार ने 20 मार्च 2017 को विज्ञापन निकाल कर 109 एचसीएस ज्यूडिशियल पदों के लिए आवेदन मांगे थे। इसके लिए याची ने भी आवेदन किया था। इस परीक्षा की तैयारी के लिए उसने एक कोचिंग सेंटर ज्वाइन किया था। इस दौरान उसकी दोस्ती सुशीला से हो गई। एक दिन उसने सुशीला से लेक्चर से जुड़ी ऑडियो
क्लिप मांगी, जो ऑडियो क्लिप आई उसमेंं सुशीला किसी अन्य लड़की से बात कर रही थी और डेढ़ करोड़ में नियुक्ति की बात हो रही थी। इसके बाद जब उसने सुशीला से पूछा तो सुशीला ने वो ऑडियो क्लिप डिलीट कर दी। इसके बाद जब याची ने उससे जोर देकर पूछा तो उसने पेपर मिलने की बात कही।
याची को यकीन नहीं हुआ कि इस स्तर का पेपर लीक हो सकता है, लेकिन इसकी सच्चाई जानने के लिए पेपर लेने में रुचि दिखाई। इस दौरान सुशीला ने याची को 6 सवाल भी बताए जो परीक्षा में आने थे। बाद में शक होने पर याची से संपर्क ही नहीं किया गया। 16 जुलाई को हुई परीक्षा में जैसे ही याची को प्रश्नपत्र मिला वह हैरान रह गई, क्योंकि जो प्रश्न बताए गए थे वे क्रम संख्या 9 17, 18, 27 व 111 पर मौजूद थे।
याची ने इसकी शिकायत पुलिस को व हाई कोर्ट को एडमिनिस्ट्रेटिव साइट पर दी। इसके बाद इस मामले की जांच के आदेश हुए। हाई कोर्ट की फुल बेंच ने ही बलविंदर शर्मा और सुनीता के खिलाफ एफआइआर करने का आदेश देते हुए एसआइटी से जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद रजिस्ट्रार (रिक्रूटमेंट) के पद से बलविंदर शर्मा को निलंबित कर दिया गया था।
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