Move to Jagran APP

Punjab and Haryana HC: देश में पहली बार हाई कोर्ट ने ChatGPT का किया उपयोग, जमानत अर्जी की खारिज

Punjab and Haryana High Court हत्या के मामले में जमानत पर फैसले के लिए जज ने चैटजीपीटी से राय लेकर अर्जी खारिज की। जस्टिस अनूप चितकारा ने फैसले में इसके टेक्स्ट जनरेटर के जवाब का भी उल्लेख किया।

By Jagran NewsEdited By: Mahen KhannaPublished: Tue, 28 Mar 2023 04:18 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2023 07:02 AM (IST)
Punjab and Haryana HC: देश में पहली बार हाई कोर्ट ने ChatGPT का किया उपयोग, जमानत अर्जी की खारिज
Punjab and Haryana High Court हाई कोर्ट ने चैटजीपीटी का उपयोग किया।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। High Court used ChatGPT पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सोमवार को हत्या के मामले में जमानत अर्जी पर फैसले में चैटजीपीटी का उपयोग कर न्यायिक प्रणाली में नई पहल की। जस्टिस अनूप चितकारा ने फैसले में इसके टेक्स्ट जनरेटर के जवाब का भी उल्लेख किया। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस चैटजीपीटी का उपयोग दुनिया भर की न्यायिक प्रणालियों में वकीलों के लिए जानकारी का विश्लेषण करने के लिए किया जा रहा है।

loksabha election banner

जस्टिस चितकारा लुधियाना एक अभियुक्त की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। लुधियाना के शिमलापुरी थाने में जून, 2020 में याची और उसके कुछ साथियों के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जस्टिस चितकारा ने अपने आदेश में कहा कि जब याचिकाकर्ता और उसके अन्य साथियों ने घृणित तरीके से हमला किया तब मरने वाला निहत्था था।

जज ने कहा कि इस कारण अभियुक्त जमानत की रियायत के लायक नहीं। मौत देना अपने आप में क्रूर है, लेकिन अगर क्रूरता मौत का कारण बनती है, तो स्थिति बदल जाती है। जब क्रूरतापूर्ण तरीके से शारीरिक हमला किया जाता है, तो जमानत के पैरामीटर भी बदल जाते हैं। 

जस्टिस चितकारा ने इसके बाद दुनिया भर के दृष्टिकोण का और आकलन करने के लिए चैटजीपीटी का सहारा लिया। पूछा कि जब हमलावरों ने क्रूरता से हमला किया तो जमानत पर न्यायशास्त्र क्या कहता है? इस पर चैटजीपीटी ने जवाब दिया कि आम तौर पर जिन हमलावरों पर क्रूरता से जुड़े एक हिंसक अपराध का आरोप लगाया जाता है, जैसे कि हत्या, उग्र हमला, या यातना, समुदाय के लिए खतरा ऐसे मामलों में जज जमानत देने के लिए कम इच्छुक हो सकते हैं या अदालत सार्वजनिक सुरक्षा के जोखिम को रोकने के लिए बहुत अधिक जमानत राशि निर्धारित कर सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.