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    'हकदारों को दें तुरंत लाभ', पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का आदेश; पेंशनभोगियों के DA पर 3 महीने में लेना होगा फैसला

    पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत पर समय पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। अदालत ने सरकार से कहा है कि तीन महीने के भीतर याचिकाकर्ताओं की मांगों पर विचार कर फैसला लें और यदि वे हकदार हैं तो उन्हें तुरंत लाभ दें। याचिकाकर्ताओं ने केंद्रीय कर्मचारियों के समान डीए/डीआर की मांग की है।

    By Jagran News Edited By: Anku Chahar Updated: Wed, 27 Aug 2025 08:15 PM (IST)
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    हाई कोर्ट का पंजाब सरकार को डीए पर आदेश (प्रतीकात्मक फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की महंगाई भत्ते और महंगाई राहत संबंधी याचिका पर समयबद्ध निर्णय लिया जाए।

    अदालत ने सरकार को कहा कि तीन माह के भीतर कारणयुक्त आदेश (स्पीकिंग ऑर्डर) पारित किया जाए और यदि याचिकाकर्ता लाभ पाने के हकदार पाए जाते हैं तो उन्हें तुरंत इसका फायदा दिया जाए।

    इस मामले में निर्मल सिंह धनोआ सहित अन्य याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने महंगाई भत्ता और राहत की किस्तें केंद्रीय कर्मचारियों की तुलना में देरी से लागू कीं।

    याचिकाकर्ताओं ने अदालत से गुहार लगाई कि उन्हें केंद्र सरकार के पैटर्न पर छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप डीए/डीआर दिया जाए।

    याचिका में बताया गया कि किस तरह 125 प्रतिशत डीए/डीआर एक जनवरी 2016 से लागू होना चाहिए था, पर सरकार ने देरी की। इसी प्रकार 28 प्रतिशत डीए 1 जुलाई 2021 से मिलना चाहिए था, पर इसे नवंबर 2021 से लागू किया गया।

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    इसी तरह 34 प्रतिशत जनवरी 2022 से, 38 प्रतिशत जुलाई 2022 से और 42 प्रतिशत जनवरी 2023 से प्रभावी होना चाहिए था, लेकिन सरकार ने इसे बाद में लागू किया।

    याचिकाकर्ताओं ने 46, 50, 53 और 55 प्रतिशत की आगामी किस्तों को भी समय पर लागू करने और लंबित बकाया पर 12 प्रतिशत ब्याज देने की मांग की।

    जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि फिलहाल वे सिर्फ इस बात से संतुष्ट होंगे यदि सरकार उनकी मांग पत्र पर विचार कर ले। कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया कि वह तीन माह के भीतर याचिकाकर्ताओं की अर्जी पर विचार कर फैसला ले।