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    स्टूडेंट सेंटर पर भिडे़ एबीवीपी व एसएफएस के कार्यकर्ता

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 28 Feb 2017 03:01 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व स्टूडेंट फॉर सोसा

    स्टूडेंट सेंटर पर भिडे़ एबीवीपी व एसएफएस के कार्यकर्ता

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व स्टूडेंट फॉर सोसायटी के बीच चल रही रस्साकशी कभी भी विकराल झगड़े व खूनी टकराव का रूप धारण कर सकती है। बीते कुछ दिनों से भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी और लेफ्ट विंग से जुड़े संगठन एसएफएस के बीच जबरदस्त तनाव बना हुआ है। सोमवार को एबीवीपी ने एसएफएस द्वारा शनिवार को किए गए विरोध प्रदर्शन के खिलाफ स्टूडेंट सेंटर पर दोबारा प्रदर्शन करने का एलान किया था। दोपहर 1.30 बजे जैसे ही एबीवीपी के कार्यकर्ता स्टूडेंटस सेंटर पर एसएफएस के विरोध में एकत्रित हुए तो वहां एसएफएस के कार्यकर्ता भी पहुंच गए। दोनों तरफ के कार्यकर्ताओं की वहां झड़प हो गई। अगर पुलिस मौजूद न होती तो ये झड़प जोरदार मारपीट में बदल सकती थी। पुलिस ने बीचबचाव कर दोनों तरफ के कार्यकर्ताओं को हटाया। पुलिस ने शांतिभंग होने की आशंका को देखते हुए एबीवीपी के हरमनजोत सिंह, सौरभ कपूर, कुशल कौंडल, अक्षय और एसएफएस के रमन, पवन के अलावा दो अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों पक्षों पर 7/51 की धारा के तहत क्रॉस केस दर्ज किया है। दोनों पक्षों के आठ लोगों को देर शाम ही मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से इन्हें जमानत मिल गई।

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    पीयू दे रही एसएफएस को शह : एबीवीपी

    एबीवीपी की सेंट्रल वर्किग कमेटी के मेंबर हरमनजोत सिंह के अनुसार एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर एसएफएस के कार्यकर्ताओं ने हमला किया। पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन एसएफएस कार्यकर्ताओं को प्रश्रय दे रहा है। इनके खिलाफ पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन कोई सख्त कदम नहीं उठा रहा है। इससे यही जाहिर हो रहा है कि पीयू प्रशासन इनके साथ मिला हुआ है। एसएफएस के कार्यकर्ता अपने प्रदर्शन के दौरान स्पष्ट तौर पर सुरक्षाकर्मियों व आर्मी को बलात्कारी बता रहे हैं, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। एसएफएस के कार्यकर्ता सीधे-सीधे राष्ट्रद्रोह कर रहे हैं, जिसके लिए इन पर एफआइआर दर्ज होनी चाहिए।

    हमारे प्रदर्शन में घुसाई थी एक स्टूडेंट : एसएफएस

    वहीं, एसएफएस के अमृतपाल सिंह व अन्य कार्यकर्ताओं का कहना है कि एसएफएस कार्यकर्ताओं पर हमला एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने किया। शनिवार को भी जब एसएफएस कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, तो एबीवीपी ने प्रायोजित तरीके से एक छात्रा, जो एबीवीपी की ही कार्यकर्ता थी, को बीच में घुसा दिया, जिसके बाद तनाव का माहौल बना। जिस हिसाब से दोनों स्टूडेंट संगठन एक-दूसरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, यह कभी भी ¨हसक झड़प में बदल सकता है। इसकी शुरुआत पहले एबीवीपी ने की। एबीवीपी ने नई दिल्ली के रामजस कॉलेज में हुई घटना को लेकर वामपंथी संगठनों पर राष्ट्रदोही होने का आरोप लगाया व साथ ही कहा कि उन्होंने कॉलेज में एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ हाथापाई की। उधर, एसएफएस ने इसके विरोध में अगले दिन प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि एबीवीपी जान-बूझकर पीयू का शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ना चाह रही है। एबीवीपी कार्यकर्ता गुंडागर्दी फैला रहे हैं, जिसका माकूल जवाब दिया जाएगा।

    एनएसयूआइ ने निकाला कैंडल मार्च

    देर शाम एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओं ने एबीवीपी और एसएफएस के बीच चल रही इस रस्साकशी व झड़प को लेकर स्टूडेंट सेंटर से शांतिपूर्ण कैंडल मार्च निकाला। एनएसयूआइ के मनोज लुबाणा ने कहा कि पीयू के शांतिपूर्ण माहौल को खराब नहीं किया जाना चाहिए।