PU में शांति भंग हुई, दंगे जैसे हालात बने, कानून-व्यवस्था बिगड़ने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, बाहरी लोगों की घुसपैठ रोकने की मांग
पंजाब विश्वविद्यालय में अशांति और दंगे जैसे हालात होने के बाद मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। विश्वविद्यालय में कानून व्यवस्था बिगड़ने और बाहरी लोगों की घुसपैठ रोकने की मांग की गई है। याचिका में विश्वविद्यालय परिसर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की गई है।

पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान तलवारें तक लहराई गई थी।
दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) कैंपस में बीते दिनों हुई अशांति, हिंसा, प्रशासनिक ब्लॉकों में छात्रों व बाहरी संगठनों की जबरन घुसपैठ और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। जनहित याचिका दायर कर मांग की गई है कि विश्वविद्यालय परिसर में कानून-व्यवस्था को कायम रखते हुए बाहरी व्यक्तियों और राजनीतिक संगठनों की घुसपैठ रोकी जाए।
याचिका में कहा गया है कि हाल के दिनों में कैंपस में हालात इतने बिगड़ गए कि छात्रों व बाहरी समूहों ने प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट के ताले तक तोड़ दिए। शांति भंग हुई, दंगे जैसे हालात बने और हजारों की भीड़ जुटी। इन घटनाओं की वीडियो व तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर भी मौजूद होने का उल्लेख याचिका में किया गया है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि राजनीतिक दल, यूनियनें और बाहरी लोग विश्वविद्यालय की शैक्षणिक माहौल को नुकसान पहुंचा रहे हैं और इसे राजनैतिक अखाड़ा बना दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि पंजाब विश्वविद्यालय बचाओ मोर्चा सहित कई संगठनों ने क्लास रोकने, परीक्षा बहिष्कार और गेट बंद करने जैसे आंदोलन चलाए, जिससे सामान्य गतिविधियां बाधित हुईं।
याचिका अदालत से आग्रह किया है कि विश्वविद्यालय और उसके आस-पास की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और बाहरी व्यक्तियों की घुसपैठ रोकी जाए, पुलिस को हिंसा, जबरन प्रवेश, तोड़फोड़ और ब्लॉकेड करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए जाएं, प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थान (रैली ग्राउंड, हेल्थ सेंटर के पास) के अलावा कैंपस में प्रदर्शन की अनुमति न दी जाए।
याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षा का माहौल खराब हो चुका है और छात्रों तथा फैकल्टी में भय, तनाव और असुरक्षा का वातावरण बन गया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि आंदोलन के नाम पर कैंपस में अवैध भीड़ इकट्ठा करना संविधान के मूल अधिकारों का दुरुपयोग है। हाईकोर्ट याचिका पर आज सुनवाई करेगा।

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