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    PU चंडीगढ़ के प्रोफेसर्स को 7वें वेतनमान मिलने का रास्ता साफ, सिंडिकेट ने लगाई मुहर, 1 हजार शिक्षकों को फायदा

    By Jagran NewsEdited By: Ankesh Thakur
    Updated: Tue, 08 Nov 2022 01:07 PM (IST)

    पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के एक हजार से अधिक शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही 600 से अधिक रेगुलर और 300 कांट्रैक्ट और गेस्ट फैकल्टी को पंजाब सरकार की ओर से घोषित सातवें वेतनमान के तहत लाभ मिलने लगेगा।

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    पंजाब यूनिवर्सिटी में पंजाब सर्विस रुल्स लागू होते हैं।

    डा. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ (PU Chandigarh) के एक हजार से अधिक शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही 600 से अधिक रेगुलर और 300 कांट्रैक्ट और गेस्ट फैकल्टी को पंजाब सरकार की ओर से घोषित सातवें वेतनमान के तहत लाभ मिलने लगेगा। देश भर में पंजाब यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को सबसे बाद में सातवें वेतनमान का लाभ मिला है।

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    पंजाब यूनिवर्सिटी की सिंडिकेट बैठक में पंजाब सरकार के सातवें वेतनमान को पीयू कैंपस में भी लागू करने के प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लग गई है। पांच सितंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पीयू और पंजाब की सभी यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को नए वेतनमान को लेकर घोषणा की थी। इस संबंध में पंजाब सरकार की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है। लेकिन पंजाब यूनिवर्सिटी ने अभी तक इस मामले में कोई नोटिस जारी नहीं किया था। पंजाब यूनिवर्सिटी में पंजाब सर्विस रुल्स लागू होते हैं, जिस कारण पीयू के शिक्षकों को सातवां वेतनमान मिलने में देरी हुई है।

    गृहमंत्री अमित शाह के मार्च में चंडीगढ़ दौरे पर चंडीगढ़ के सभी शैक्षणिक संस्थानों में भी सेंट्रल सर्विस रुल्स लागू करने की घोषणा की गई थी। जिसके बाद चंडीगढ़ में पीयू से एफिलिएटेड सभी सरकारी कालेजों,स्कूल और अन्य विभागों में सर्विस रुल के तहत ही कर्मचारियों की रिटायरमेंट ऐज को बढ़ाकर 60 कर दिया गया। कालेजों में शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र 65 कर दी गई है। उधर पीयू सिंडिकेट में सातवां वेतनमान लागू किए जाने के फैसले से पीयू में कांट्रैक्ट और गेस्ट फैकल्टी को तौर पर पढ़ाने वाले शिक्षकों के वेतन में भी काफी बढ़ोतरी होगी। कांट्रैक्ट और गेस्ट फैकल्टी को यूजीसी नियमों के तहत निर्धारित कम से कम वेतन मिल सकेगा। 

    पीयू के पास फंड की कमी, 200 करोड़ की जरुरत 

    अटल रैंकिंग में देश की नंबर एक यूनिवर्सिटी पंजाब यूनिवर्सिटी इस समय आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रही है। पंजाब यूनिवर्सिटी को 80 फीसद ग्रांट केंद्र सरकार और बीस फीसद पंजाब सरकार से मिलनी होती है। लेकिन दोनों ही सरकारें पीयू को जरुरत के हिसाब से पैसा नहीं दे रही। कई बार पीयू के सामने शिक्षकों का वेतन तक देने के लिए फंड नहीं रहा है। पीयू को बीते वर्षों में शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन देने के लिए एफडी तक तुड़वानी पड़ी है। सिंडिकेट से सातवां वेतनमान लागू करने की अनुमति तो मिल गई, लेकिन पीयू को अब 200 करोड़ का इंतजाम भी करना पड़ेगा। शिक्षकों का बकाया एरियर देने के लिए इतने पैसे की जरुरत होगी। इस मामले पर अब अगले महीने होने वाली सीनेट में भी प्रस्ताव को लाया जाएगा।  

    शिक्षकों ने किया लंबा संघर्ष 

    पीयू में सातवां वेतनमान लागू कराने को लेकर पीयू के शिक्षकों ने काफी लंबा संघर्ष किया है। बीते तीन वर्षों से पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस और पंजाब की विभिन्न यूनिवर्सिटी में लगातार धरने और प्रदर्शन चल रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद्र सिंह से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी तक शिक्षकों को सिर्फ आश्वासन देते रहे। पंजाब में आप सरकार ने अपने एजेंडे में शिक्षकों को सातवां वेतनमान देने का वादा किया था, जिसे सरकार ने पूरा किया है।