देश को प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री देने वाली PU ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी को दी पहली महिला जज, हजारों बेटियों के लिए मिसाल
पंजाब यूनिवर्सिटी की छात्रा भावना केसर जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले की पहली महिला जज बनीं। एक दर्जी की बेटी भावना की इस उपलब्धि के पीछे परिवार का सहयोग ...और पढ़ें

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले की पहली महिला जज बनने वाली भावना केसर।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। आज़ादी के आंदोलन से लेकर विकास यात्रा तक पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। देश को प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री देने वाली इस यूनिवर्सिटी के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई। यहीं से पढ़ी भावना केसर जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले की पहली महिला जज बनी है।
भावना की कहानी हजारों बेटियों के लिए मिसाल है, क्योंकि एक दर्जी की बेटी के लिए इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। परिवार की ताकत, खुद का सपना और पीयू का माहौल, इन सब ने भावना के करियर को नई दिशा दी।
पीयू के दीक्षा समारोह में शनिवार को गोल्ड मेडल से सम्मानित होने वाली भावना की उम्र अभी 30 वर्ष है। पंजाब यूनिवर्सिटी के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (यूआईएलएस) में उनकी पढ़ाई ने उनके सपनों को दिशा दी।
उन्होंने 2018 में बीए–एलएलबी और 2019 में एलएलएम पूरी की। इसके बाद 2021 में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी के विधि विभाग में प्रो. देविंदर सिंह के निर्देशन में ‘भारतीय संविधान के तहत परिसीमन संबंधी कानून, विशेष संदर्भ—जम्मू-कश्मीर’ विषय पर पीएचडी शुरू की।
अनेक विभूतियां इसी विश्वविद्यालय की देन
दीक्षा समारोह में मुख्यातिथि के तौर पर पंजाब के राज्यपाल व पीयू के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया पहुंचे। उन्होंने पीयू की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने विश्वविद्यालय से निकले महान व्यक्तित्वों का उल्लेख करते हुए कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता अरुण कुमार गोयल, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, आईके गुजराल, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, महान क्रिकेटर कपिल देव, ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा, अभिनेता अनुपम खेर और किरण खेर, प्रसिद्ध हास्य कलाकार जसपाल भट्टी सहित अनेक विभूतियां इसी विश्वविद्यालय की देन हैं, जिन्होंने देश और समाज की सेवा की।

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