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    अभियोजन पक्ष आरोप साबित नहीं कर पाया, मोहाली कोर्ट से हत्या के मामले में छह आरोपित बरी

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 06:03 PM (IST)

    मोहाली की अदालत ने छह साल पुराने हत्या के मामले में चार आरोपियों को बरी कर दिया है। युवक को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर 90 हजार रुपये लेने और बाद में उसकी हत्या कर शव फेंकने का आरोप था। अदालत ने अभियोजन पक्ष को आरोप साबित करने में विफल पाया क्योंकि साक्ष्यों में विरोधाभास थे और परिस्थितिजन्य साक्ष्य अधूरे थे।

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    अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष की कहानी में कई विरोधाभास थे।

    जागरण संवाददाता, मोहाली। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने यमुनानगर निवासी आदित्य की हत्या के छह साल पुराने मामले में चार आरोपितों को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपितों के खिलाफ हत्या का आरोप साबित करने में असफल रहा है।

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    यह मामला वर्ष 2018 में दर्ज हुआ था, जिसमें यमुनानगर निवासी अनिल कुमार ने जीरकपुर स्थित ड्रीम एविएशन सर्विस नामक कंपनी को फर्जी बताते हुए आरोप लगाया था कि उसके बेटे आदित्य कुमार को विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 90 हजार रुपये वसूले गए।

    21 जून को आदित्य से आखिरी बार बात हुई थी, जिसके बाद वह लापता हो गया। 11 जुलाई को पानीपत के पास एक नाले से उसका शव बरामद हुआ। पुलिस जांच में चार आरोपितों लखबीर सिंह उर्फ लक्की, रोहित कौरा, अमृतपाल सिंह उर्फ सुखा काहलों और रविंदर कौर के खिलाफ हत्या, साजिश और सुबूत मिटाने के आरोप लगाए गए।

    आरोप था कि आदित्य ने पैसे वापस मांगे तो लखबीर ने उसकी हत्या कर दी और शव को साथियों की मदद से पानीपत में फेंक दिया। हालांकि, अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष की कहानी में कई विरोधाभास थे। मृतक द्वारा अपनी बहन को भेजे गए फोटो और नंबरों की कोई पुष्टि नहीं हुई, न ही मोबाइल चैट या काल रिकार्ड को अदालत में पेश किया गया।

    हत्या के समय आरोपितों की लोकेशन भी एक जैसी नहीं थी। जिस कार से शव ले जाने का दावा किया गया, उसमें खून के निशान नहीं मिले और सीसीटीवी फुटेज अस्पष्ट था। अदालत ने कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य की श्रृंखला अधूरी है और अभियोजन पक्ष आरोपितों की संलिप्तता साबित करने में असफल रहा।

    ऐसे में चारों आरोपितों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया गया। लखबीर सिंह, जो इस मामले में हिरासत में था, को रिहा करने का आदेश दिया गया है, बशर्ते वह किसी अन्य मामले में वांछित न हो। सभी आरोपितों को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा किया गया।

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